तबादले का मुख्य कारण ईमानदारी है
उन्होंने कहा कि प्रभाकर के तबादले का सबसे मुख्य कारण है उनकी ईमानदारी है। ईमानदारी के कारण ही उनका तबादला होता रहता है। प्रभाकर नेताओं से दूरी बनाकर रखते हैं।रविवार को कांवड़ यात्रा के दौरान हुआ था हंगामा
रविवार को बरेली स्थित पुराना शहर के मोहल्ला जोगी नवादा में कांवड़ यात्रा के दौरान हंगामा हुआ था। जिसके बाद पुलिस ने कांवड़ियों पर लाठीचार्ज कर किया था। प्राप्त सूचना के मुताबिक कांवड़ियों के जत्थे में शामिल कुछ कांवड़िया गैर पारंपरिक रास्ते जो मुस्लिम मुहल्ले में होकर जाता है से डीजे लेकर जाना चाहते थे।
पुलिस ने उन्हें रोक दिया। डीजे और इसपर बजाए जा रहे गाने पर जब पुलिस द्वारा आपत्ति दर्ज की गई तो बवाल भड़क गया। बरेली के एसएसपी रहे प्रभाकर चौधरी ने दावा किया है कि कांवड़ियों की भीड़ में कुछ लोग नशे में थे तो कुछ अराजकतत्वों हथियार लहराने लगे थे। इसके बाद मजबूरन लाठीचार्ज करना पड़ा।
अब तक डेढ़ दर्जन से अधिक बार हो चुका है ट्रांसफर
मूल रूप से उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर जिले के रहने वाले प्रभाकर चौधरी का जन्म एक जनवरी, 1984 को हुआ था। वह 2010 बैच के आईपीएस अफसर हैं। प्रभाकर चौधरी एएसपी के पद पर नोएडा, आगरा, जौनपुर और फिर वाराणसी में करियर की शुरुआत में सेवाएं दे चुके हैं। इसके बाद वह कानपुर नगर के सिटी एसपी भी रह चुके हैं।जिले में इनकी पहली पोस्टिंग ललितपुर में हुई। जनवरी 2015 में इन्हें ललितपुर जिले का एसपी बनाया गया और दिसंबर 2015 यानी करीब 11 महीने ही ललितपुर के एसपी रहे। ललितपुर इनकी पोस्टिंग इंटेलिजेंस मुख्यालय में हुई। जनवरी 2016 में देवरिया के एसपी बनाए गए ,जहां उनकी तैनाती 18 अगस्त 2016 तक रही।
देवरिया के बाद इन्हें बलिया का एसपी बनाया गया जहां पर वह 15 अक्टूबर 2016 तक करीब 2 महीने ही एसपी रहे। इसके बाद इन्हें कानपुर देहात का कप्तान बनाया गया। 28 अप्रैल 2017 को प्रभाकर चौधरी का कानपुर देहात से महज 5 महीने में तबादला कर दिया गया। इन्हें एटीएस भेज दिया गया जहां 23 सितंबर 2017 तक प्रभाकर चौधरी तैनात रहे।
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