भारत के चूहे नशाखोर होते जा रहे हैं। कभी तो उनके शराब पीने की खबर आती है तो कभी भांग खाने की। मथुरा पुलिस ने कोर्ट को बताया है कि पुलिस थाने के मालखाने में रखा गया गांजा चूहे खा गए। कोर्ट भी कम नहीं है - उसने कहा कि सबूत पेश करो।
मथुरा रोड पर थाना शेरगढ़ है। यह थाना दिल्ली-आगरा हाईवे पर पड़ता है। इसके मालखाने में 500 किलोग्राम गांजा रखा हुआ था। मुकदमे की सुनवाई के दौरान अदालत ने वो गांजा पेश करने का आदेश दिया था। उसी के जवाब में पुलिस ने यह अजीबोगरीब जवाब दिया कि मालखाने में रखा सारा गांजा चूहे खा गए हैं।
पुलिस का यह तर्क सुनने के बाद अतिरिक्त जिला जज ने एसएसपी मथुरा अभिषेक यादव को "चूहों के खतरे" से छुटकारा पाने और इस बात का सबूत देने का आदेश दिया कि चूहों ने वाकई 60 लाख रुपये कीमत का 581 किलोग्राम गांजा हजम कर लिया है।
पुलिस की ओर से सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि थाने में कोई जगह नहीं है जहाँ स्टोर किए गए सामान को चूहों से बचाया जा सके। एसएसपी ने सीओ (रिफाइनरी) को जांच करने का निर्देश दिया था, लेकिन गांजा बरामद नहीं हुआ। मथुरा पुलिस ने कोर्ट को दी अपनी सफाई में कहाः
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चूहों का आकार छोटा होने के कारण उन्हें पुलिस का कोई डर नहीं है। एसएचओ हर समस्या को सुलझाने में विशेषज्ञ नहीं हो सकते।
इस सफाई पर अदालत ने कहा कि पुलिस द्वारा मालखाने में रखे पदार्थों की रक्षा करना असंभव लग रहा है। अदालत ने पुलिस को दावे के संबंध में सबूत पेश करने और अगली सुनवाई की तारीख 26 नवंबर तय करने का आदेश दिया है।
यह पहला मामला नहीं है, जब पुलिस ने अदालत को चूहों द्वारा गांजा खाने की बात कही गई है। मथुरा में मई 2022 में एक ट्रक में चरस की तस्करी करते हुए तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था। चरस बाजरे की बोरियों में छिपाकर रखा गया। 386 किलो चरस ले जा रहे इस ट्रक को शेरगढ़ क्षेत्र के जटवारी गांव में रोका गया। तीन संदिग्धों को एनडीपीएस अधिनियम के तहत मामला दर्ज करने के बाद जेल भेज दिया गया।
पुलिस को अदालत ने कहा था कि उन्हें जो चरस मिली थी, उसे वापस कर दें। शेरगढ़ एसएचओ ने अदालत को सूचित किया था कि "चूहों ने चरस खा लिया, जिसे पैकेटों में बंद करके गोदाम में रखा गया था। थाने में 'माल' को रखने और चूहों से बचाने के लिए कोई सुरक्षित जगह नहीं है। यानी मथुरा के थानों में आए दिन चरस, गांजा बरामद होता रहता है लेकिन उसे चूहे खा जाते हैं।
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