कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को ललकारा है और साथ ही विपक्ष के नेताओं पर भी जोरदार हमला बोला है। प्रियंका ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा, ‘जनता के सेवक के रूप में मेरा कर्तव्य उत्तर प्रदेश की जनता के प्रति है और वह कर्तव्य सच्चाई को उनके सामने रखने का है। किसी सरकारी प्रोपेगेंडा को आगे रखना नहीं है।’
प्रियंका ने आगे कहा कि यूपी सरकार अपने अन्य विभागों द्वारा उन्हें फिज़ूल की धमकियाँ देकर अपना समय व्यर्थ कर रही है। कांग्रेस महासचिव ने कहा कि सरकार जो भी कार्रवाई करना चाहती है, बेशक करे लेकिन वह सच्चाई को सामने रखती रहेंगी।
प्रियंका ने विपक्ष के नेताओं पर हमला बोलते हुए कहा, ‘मैं इंदिरा गांधी की पोती हूँ, विपक्ष के कुछ नेताओं की तरह बीजेपी की अघोषित प्रवक्ता नहीं।’
डीएम ने भेजा था नोटिस
माना जा रहा है कि प्रियंका ने यह हमला आगरा में कोरोना मरीजों की मौत को लेकर किए गए ट्वीट पर डीएम द्वारा उन्हें नोटिस भेजने पर किया है। प्रियंका ने 22 जून को ट्वीट कर कहा था कि आगरा में कोरोना से मृत्यु दर डराने वाली है और 28 लोगों की मौत अस्पताल में भर्ती होने के 48 घंटे में होना बड़ी लापरवाही है। उन्होंने कहा था कि मुख्यमंत्री इस मामले में 48 घंटे में जांच रिपोर्ट को जनता के सामने रखें। इस पर डीएम ने उन्हें नोटिस भेजकर उनके द्वारा किए गए ट्वीट का 24 घंटे में खंडन करने के लिए कहा था।
डीएम के नोटिस के बाद उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी सख़्त रूख़ अपनाते हुए कहा था कि अगर प्रियंका आगरा के डीएम के नोटिस का जवाब नहीं देती हैं तो उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाएगी। मौर्य ने कहा था कि प्रियंका ने कोरोना से होने वाली मौतों के झूठे आंकड़ों को ट्वीट किया है और वह ओछी राजनीति कर रही हैं।
यह पहला मौक़ा है जब प्रियंका ने विपक्ष के नेताओं पर खुलकर इतना करारा वार किया है। कांग्रेस लगातार यह आरोप लगाती रही है उत्तर प्रदेश के विपक्षी राजनीतिक दल योगी आदित्यनाथ सरकार के ख़िलाफ़ नहीं बोलते।
प्रियंका ने अपने ट्वीट से यह साफ कर दिया है कि वह योगी सरकार के सामने झुकने वाली नहीं हैं।
कांग्रेस को जिंदा करने में जुटीं
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को जिंदा करने में जुटीं प्रियंका गांधी ने सोनभद्र में आदिवासियों के नरसंहार का मामला हो, नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ हो रहे प्रदर्शनों का मामला हो, उत्तर प्रदेश में बिजली-पानी की क़ीमतें बढ़ने से लेकर शिक्षक भर्ती मामला या जनहित से जुड़ा कोई और मुद्दा, लगातार आवाज़ उठाई है।
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