डॉ. राममनोहर लोहिया अवध यूनिवर्सिटी की परीक्षा में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। यूनिवर्सिटी की परीक्षा में ग़ैर-हाजिर रहे एमएससी फ़ाइनल के छात्रों को प्रथम श्रेणी में पास घोषित कर दिया गया है। इस यूनिवर्सिटी से संबंद्ध श्री राम जानकी डिग्री कॉलेज रामनगर अमावा सूफी का परीक्षा केंद्र 2018-19 में राम सिंह गुलेरिया डिग्री कॉलेज था। इस केंद्र पर एमएससी फ़िजिक्स, कैमिस्ट्री, बायलॉजी, बॉटनी व गणित के परीक्षाथियों की परीक्षा हुई। इसमें 17 परीक्षार्थी जो परीक्षा हाजिरी शीट पर ग़ैर-हाजिर दिखाए गए थे, उन्हें प्रथम श्रेणी में पास घोषित कर दिया गया है।
यूनिवर्सिटी के वीसी प्रोफ़ेसर मनोज दीक्षित ने इस फर्जीवाड़े के ख़िलाफ़ जाँच के आदेश दिए हैं। उनके मुताबिक़, जो भी दोषी पाए जाएंगे उनके ख़िलाफ़ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यूनिवर्सिटी की ओर से बताया गया है कि कम्प्यूटर में फ़ीड करने से पहले मार्कशीट की जांच दो लिपिकों से करवाई जाती है। इसके बाद ही इसे जारी किया जाता है। ऐसे में साफ़ है कि गड़बड़ी की गई है।
हाजिरी शीट यूनिवर्सिटी को भेज दी थी
श्रीराम सिंह गुलेरिया डिग्री कॉलेज परीक्षा केंद्र के प्राचार्य का कहना है कि उन्होंने परीक्षा की उपस्थिति शीट का पूरा विवरण समय से यूनिवर्सिटी को भेज दिया था। परीक्षा में जो ग़ैर-हाजिर थे, उन्हें यूनिवसिर्टी के परीक्षा विभाग ने कैसे पास घोषित किया, यह यूनिवर्सिटी का परीक्षा विभाग ही बता सकता है। यूनिवर्सिटी कार्य परिषद के सदस्य ओम प्रकाश सिंह का कहना है कि फर्जीवाड़े के दोषियों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई होनी चाहिए।
आरटीआई से हुआ ख़ुलासा
बताया गया है कि मामले का ख़ुलासा आरटीआई की सूचना पर हुआ है। आरटीआई से सूचना मांगने पर हाई कोर्ट के वकील पवन कुमार पांडे को यूनिवर्सिटी ने कोई सूचना देने से मना कर दिया। यूनिवर्सिटी का कहना है कि इसके बारे में परीक्षा केंद्र ही जानकारी दे सकता है जबकि सारी सूचना यूनिवर्सिटी के पास रहती है। इसके बाद जब उन्होंने परीक्षा केंद्र श्रीराम सिंह गुलेरिया के प्राचार्य शीलवंत सिंह से सम्पर्क कर उनसे आरटीआई से सूचना मांगी तो फर्जीवाडे़ का खुलासा हुआ। पांडे के मुताबिक़, 17 छात्र मार्कशीट में प्रथम श्रेणी में पास दिखाए गए हैं और ये एमएससी फाइनल परीक्षा में ग़ैर-हाजिर थे। उनका आरोप है कि अवध यूनिवर्सिटी की परीक्षाओं में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा चल रहा है जिसकी उच्च स्तरीय जांच की जाए तो ऐसे करीब 500 केस सामने आएंगे।
एमएससी फाइनल में ग़ैर-हाजिर रहे छात्र राम प्रसाद बरई, मनीराम चौधरी, अवनीश कुमार मिश्र, पवन कुमार सिंह, हिमांशु कुमार, सुनील कुमार चौधरी, रविप्रकाश मिश्र (सभी रसायन शास्त्र), विद्याभूषण चौरसिया (जंतु विज्ञान) आदि सभी को प्रथम श्रेणी में पास की मार्कशीट जारी की गई है। इस समय जाड़ों की छुट्टियों के चलते यूनिवर्सिटी बंद है।
मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं। वीसी मनोज दीक्षित ने मामले को अतिगंभीर मानते हुए रिटायर्ड जस्टिस की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच समिति गठित कर दी है। उप रजिस्ट्रार को डाक्यूमेंट प्रस्तुत करने का अधिकारी नियुक्त किया गया है। जांच समिति में रिटायर्ड जस्टिस इम्तियाज मुर्तजा, रिटायर्ड प्रो. प्रेम नारायण मिश्र और स्थानीय वकील डीएन यादव शामिल हैं। यह जांच समिति 15 दिनों में अपनी रिपोर्ट देगी।
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