उम्मीद से भी कहीं ज़्यादा तेजी दिखाते हुए पुलिस ने लखनऊ में हुई हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी की हत्या की साजिश का पर्दाफाश कर दिया है। साजिशकर्ता गिरफ्तार हो चुके हैं जबकि हत्यारों की पहचान हो गयी है और तलाश चल रही है। पुख़्ता सुबूत साफ़-साफ़ इशारा कर रहे हैं कि कमलेश की हत्या में मुसलिम चरमपंथियों का हाथ है और हत्या को अंजाम देने वाले इसकी जानकारी भी सार्वजनिक करना चाहते थे। हालांकि अब तक किसी चरमपंथी संगठन ने इसकी जिम्मेदारी नहीं ली है।
अल हिन्द नाम के एक संगठन ने, जिसने तिवारी की हत्या की जिम्मेदारी ली थी, वह संगठन फर्जी निकला है। यूपी पुलिस के डीजीपी ओपी सिंह ने अभी तक यह नहीं बताया है कि कमलेश की हत्या किस संगठन के इशारे पर की गयी है। पुलिस के रडार पर अब तक कई बड़े व छोटे संगठन आए हैं। पश्चिम उत्तर प्रदेश से तीन मौलानाओं सहित कुल 19 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है।
चुटकी में हल की गुत्थी
उत्तर प्रदेश के एक आला पुलिस अधिकारी के मुताबिक़, गुजरात में एटीएस क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क (सीसीटीएन) का इस्तेमाल करती है। सीसीटीएन में आधार कार्ड की मदद से चेहरे का मिलान कर दो मिनट में अपराधी के बारे में पूरी जानकारी मिल जाती है। कमलेश हत्याकांड के लिए गठित यूपी सरकार की एसआईटी के एक अधिकारी ने बताया कि सूरत में मिठाई की दुकान से मिली सीसीटीवी फ़ुटेज में साजिशकर्ता फ़ैज़ान की शक्ल एकदम साफ़ नज़र आ रही थी जबकि राशिद पठान की भी पहचान हो गयी थी।सीसीटीएन के तहत आधार कार्ड से मिलान करने पर फ़ैज़ान और राशिद को पकड़ा गया और इसके बाद मौलाना मोहसिन को भी हिरासत में ले लिया गया। सोमवार को तीनों साजिशकर्ताओं मौलाना मोहसिन, राशिद और फैजान को 72 घंटे की ट्रांजिट रिमांड पर लखनऊ लाया गया है।
हत्यारों, साजिशकर्ताओं के 42 वीडियो मिले
गुजरात पुलिस की मुस्तैदी, तेज़ी और तकनीकी कौशल के चलते हत्या के साजिशकर्ताओं के अलग-अलग जगहों के 42 वीडियो अब तक पुलिस को मिल चुके हैं। इनमें से ज़्यादातर सार्वजनिक स्थानों पर लगे सीसीटीवी कैमरों से हासिल किए गए हैं। लखनऊ में हत्यारों से संबंधित छह वीडियो पुलिस के हाथ लगे हैं जिनमें से दो में एक महिला भी दिखायी दे रही है। पुलिस ने इस महिला की भी पहचान कर ली है और उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
होटल खालसा इन में हत्यारों की ओर से दर्ज कराए गए मोबाइल नंबर की छानबीन के बाद इस नंबर से कुल पाँच फ़ोन किए जाने के सुबूत मिले हैं जिनमें से तीन कॉल कमलेश तिवारी को की गयी हैं। हत्यारोपी अशफाक की ही कमलेश से बातचीत हुई है जबकि मुईनुद्दीन से एकबार बस कमलेश को नमस्कार करवाया गया था।
रोहित सोलंकी बनकर की थी दोस्ती
अशफाक ने कमलेश तिवारी से फ़ेसबुक पर रोहित सोलंकी बनकर दोस्ती की थी। रोहित सोलंकी के नाम से कमलेश से की गयी फ़ेसबुक चैट का रिकॉर्ड भी पुलिस के पास है। रोहित ने ही कमलेश से एक मुसलिम लड़की की हिन्दू युवक से शादी के लिए मदद मांगी थी जिस पर उसे तिवारी ने मिलने के लिए बुलाया था। पुलिस की इस बात की पुष्टि घटना के इकलौते चश्मदीद कमलेश के कार्यालय सहायक सौराष्ट्रजीत ने भी की है।
अफवाहों की बाढ़, चार गिरफ़्तार
इस बीच, कमलेश तिवारी की हत्या के बाद से सोशल मीडिया पर अफवाहों की बाढ़ आ गयी है। अलग-अलग तरीक़े से धार्मिक भावनाओं को भड़काने वाली पोस्टें सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर वायरल की जा रही हैं।
यूपी पुलिस ने तिवारी की हत्या मामले में अब तक कुल 23 मामले दर्ज कर अभियुक्तों के ख़िलाफ़ कारवाई शुरू की है। इनमें से ज़्यादातर मामले इलाहाबाद, गोरखपुर और मेरठ में दर्ज हुए हैं। इलाहाबाद में पुलिस ने मोहम्मद अनस, मोहम्मद दानिश, शाहिद अंसारी और मनीष सिंह के ख़िलाफ़ मामला दर्ज कर इन्हें रविवार देर रात गिरफ्तार कर लिया था। इन चारों पर धार्मिक भावनाएं भड़काने के आरोप में एफ़आईआर दर्ज की गयी है। यूपी पुलिस ने एडवाइजरी जारी कर सोशल साइट्स या किसी भी अन्य प्लेटफ़ॉर्म पर किसी तरह की टीका-टिप्पणी करने से बचने की सलाह दी है।
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