कई महीनों के बाद जब मंगलवार रात को डॉ. कफ़ील खान मथुरा की जेल से निकलकर बाहर आए तो उन्होंने कहा कि एक वक़्त ऐसा भी आया जब जेल में उन्हें 5 दिन तक बिना खाना और बिना पानी दिए रखा गया। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मंगलवार को डॉ. कफील ख़ान को रिहा करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून (एनएसए) के तहत डॉ. कफील की गिरफ़्तारी ग़ैर-क़ानूनी है और उन्हें रिहा किया जाए। डॉ. कफ़ील की जेल से रिहाई को लेकर सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक लगातार आवाज़ बुलंद की जा रही थी।
मथुरा जेल के बाहर पत्रकारों से बातचीत में डॉ. कफ़ील ने कहा, ‘मैं उन 138 करोड़ भारतीयों को धन्यवाद कहूंगा, जिन्होंने इस संघर्ष में मेरा साथ दिया है। मैं न्यायपालिका का शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने अच्छा ऑर्डर दिया, जिसमें उन्होंने लिखा है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने एक झूठा, बिना आधार के और बिना बात के एक केस बनाया और मुझे 8 महीने तक इस जेल में रखा।’
उन्होंने कहा, ‘मैं उत्तर प्रदेश एसटीएफ़ को भी धन्यवाद दूंगा जिन्होंने मुझे मुंबई से मथुरा लाते वक्त एनकाउंटर में मारा नहीं।’ डॉ. कफ़ील ख़ान ने कहा कि बाढ़ के बाद महामारी आती है और हम ये कोशिश करेंगे कि हम कैंप लगाकर लोगों की सेवा करें।
योगी आदित्यनाथ को संदेश
डॉ. कफ़ील ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संदेश देते हुए कहा, ‘मैंने कृष्णा की नगरी में रामायण देखी जिसमें महर्षि वाल्मीकि ने राम चंद्र जी को यह उपदेश दिया कि राजा को राजधर्म निभाना चाहिए, राजहठ नहीं करना चाहिए लेकिन यहां पर राजहठ नहीं बालहठ किया जा रहा है।’
ख़बरों के मुताबिक़, इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के घंटों बाद तक भी मथुरा जेल के अधिकारियों ने डॉक्टर कफील को जेल से रिहा नहीं किया था। उनके परिवार ने कहा था कि वे इसे लेकर अवमानना याचिका दायर करेंगे और इसके बाद उन्हें मंगलवार देर रात को रिहा कर दिया गया।
बिहार में चमकी बुखार से बच्चों की मौत होने पर डॉ. कफ़ील वहां बाढ़ प्रभावित इलाकों में बच्चों का इलाज करने पहुंचे थे।
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