उत्तर प्रदेश सरकार राज्य के ग्रामीण इलाकों में 20 स्टेडियम बनाने की एक बड़ी पहल के तहत भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद शमी के पैतृक गांव में स्टेडियम बनाने की योजना बना रही है। प्रस्ताव मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजा गया है और मंजूरी मिलने की उम्मीद है। सहसपुर अलीनगर में बनने वाले इस स्टेडियम में ओपन जिम और रेस ट्रैक जैसी सुविधाएं शामिल होंगी। मौजूदा समय में विश्व कप में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज शमी अमरोहा के रहने वाले हैं।
यह प्रस्ताव अमरोहा के जिला प्रशासन ने राज्य सरकार को भेजा है। भारत के शीर्ष तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी के शानदार प्रदर्शन की पूरे देश में चर्चा है। उसके बाद अमरोहा का जिला प्रशासन भी जागा और उसने प्रस्ताव तैयार किया।
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इस बारे में अमरोहा के जिला मजिस्ट्रेट, राजेश त्यागी ने बताया कि "हम मोहम्मद शमी के गांव में एक मिनी स्टेडियम बनाने का प्रस्ताव भेज रहे हैं। उस प्रस्ताव में, एक ओपन जिम भी होगा। हमारे पास है वहां (शामी गांव में) पर्याप्त जमीन है। उन्होंने कहा- "प्रदेश सरकार ने राज्य भर में 20 स्टेडियम बनाने के निर्देश पारित किए और जिला अमरोहा के स्टेडियम को भी इसके लिए चुना गया।"
शुक्रवार को डीएम त्यागी के नेतृत्व में एक टीम ने मिनी स्टेडियम और जिम के निर्माण के लिए उपयुक्त जमीन की पहचान करने के लिए शमी गांव का दौरा भी किया था।
क्रिकेटर मोहम्मद शमी सहसपुर अलीनगर गांव के रहने वाले हैं, जो उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले में स्थित है। भारत के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने मौजूदा क्रिकेट विश्व कप में भारतीय गेंदबाजी आक्रमण की अगुवाई की है और टूर्नामेंट में सिर्फ छह मैचों में 23 विकेट लिए हैं। वह इस समय सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज भी हैं।
हैरानी की बात यह है कि भारत का तेज गेंदबाज विश्व कप 2023 से पहले भारतीय टीम की पसंदीदा प्लेइंग 11 में नहीं था क्योंकि भारत ने जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज और हार्दिक पंड्या और शार्दुल ठाकुर के रूप में दो तेज गेंदबाज ऑलराउंडरों को चुना था। उसमें शमी का दूर-दूर तक जिक्र नहीं था। लेकिन हार्दिक पांड्या को चोट लग गई तो मजबूरी में शमी को बुलाया गया।
शमी के प्रदर्शन और इससे पहले उनको टीम में नहीं लिए जाने पर अब तमाम सवाल सोशल मीडिया पर पूछे जा रहे हैं। लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया में लिखा है कि भारतीय टीम के चयनकर्ता हमेशा धोखा खाते हैं, जिन खिलाड़ियों के दम पर वो टीम बनाते हैं वो प्रदर्शन नहीं कर पाती। जिन खिलाड़ियों को बाहर रखा जाता है, जैसे ही उन्हें मौका मिलता है तो वो अपनी क्षमता दिखा देते हैं। कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि भारत के हर खेल में यही हो रहा है। कहीं सरकारी अधिकारी गुल खिलाते हैं तो कहीं रसूखदार लोग क्रिकेट में यही भूमिका निभाते हैं।
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