कोरोना का वायरस बसों, ट्रेन और ट्रकों के सहारे लौट रहे प्रवासियों के साथ उत्तर प्रदेश के कस्बों और गांवों में भी पहुंच रहा है। ‘मुंबई मिरर’ के मुताबिक़, उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में 14, जौनपुर में 15, बरेली में 18, वाराणसी में 4 और सिद्धार्थ नगर में कोरोना के 8 ताज़ा मामले उन प्रवासियों के हैं, जो मुंबई से ट्रकों, ट्रेनों और बसों से अपने इलाक़ों में पहुंचे हैं। इन कुल 59 संक्रमित व्यक्तियों में से 29 लोगों से ‘मुंबई मिरर’ ने बातचीत की है। ये लोग मुंबई के कांदिवली, मलाड, मुंब्रा, कालवा और धारावी से लौटे थे।
इससे पहले ‘मुंबई मिरर’ ने ख़बर दी थी कि उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में 36 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं और ये सभी मुंबई से गोंडा जाने वाली ट्रेन से घर पहुंचे थे।
इससे यह भी चिंता खड़ी होती है कि मुंबई के इन इलाक़ों में कोरोना का संक्रमण कितने ख़तरनाक स्तर तक पहुंच चुका है। लेकिन इससे बड़ी चिंता ये है कि बसों, ट्रेनों से हज़ारों की संख्या में लौटे प्रवासियों के बीच कोरोना का संक्रमण कितने लोगों तक फैल चुका होगा, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है।
उत्तर प्रदेश क्या किसी भी राज्य सरकार के पास इतने संसाधन नहीं हैं कि वह लाखों प्रवासियों का कोरोना टेस्ट कर सके।
मुंबई में लगभग 80 प्रतिशत कोरोना मरीज 'एसिम्पटमैटिक' यानी बिना लक्षण वाले हैं। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा क्वारेंटीन किए जाने के बाद जब ये प्रवासी अपने गांवों में जाएंगे तो वहां भी कोरोना का संक्रमण पहुंच सकता है।
एक्सपर्ट्स ने कहा है कि जितनी बड़ी संख्या में महानगरों से प्रवासी अपने राज्यों में जा रहे हैं, उसे देखकर यह कहा जा सकता है कि न केवल उत्तर प्रदेश में, बल्कि बिहार और पश्चिम बंगाल में भी कोरोना पॉजिटिव लोगों के मामले बढ़ सकते हैं।
‘मुंबई मिरर’ के मुताबिक़, 10 मई के बाद जब हज़ारों की संख्या में प्रवासी मुंबई से निकले तो उस दौरान न तो किसी की स्क्रीनिंग की गई और न ही किसी के पास कोई डॉक्टर का सर्टिफ़िकेट था कि वे कोरोना से संक्रमित नहीं हैं।
जौनपुर के सीएमओ रामजी पांडे ने ‘मुंबई मिरर’ को बताया कि उनके जिले में 16 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। इनमें से 15 लोग हाल ही में मुंबई से लौटे हैं।
‘अब बहुत देर हो चुकी है'
स्वास्थ्य पर शोध करने वाले अनंत भान ‘मुंबई मिरर’ से कहते हैं, ‘अब बहुत देर हो चुकी है। यह वायरस लोगों के साथ चलता है। अगर बड़ी संख्या में लोग शहरों से गांवों को जा रहे हैं तो वायरस भी उनके साथ जाएगा। परेशानी यह है कि हमारे पास स्क्रीनिंग, आइसोलेशन और टेस्टिंग की सुविधा नहीं है।’
मुंबई से संक्रमण के उत्तर प्रदेश आने की यह ख़बर उसी तरह है जैसे दिल्ली से बिहार वापस लौट रहे हर चौथे व्यक्ति में कोरोना का संक्रमण पाये जानी की थी। ऐसे में महानगरों से लाखों की संख्या में गांवों की ओर हो रहा पलायन भविष्य की चिंताजनक तसवीर पेश करता है।
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