पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता चिन्मयानंद पर एक युवती द्वारा बलात्कार का आरोप लगाये जाने के मामले में सोमवार को उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में मार्च निकालने की तैयारी कर रहे कांग्रेस नेताओं को पुलिस ने नजरबंद कर लिया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने शाहजहांपुर से लेकर लखनऊ तक मार्च निकालने की अनुमति मांगी थी लेकिन पुलिस ने उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी।
पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद को पुलिस ने नज़रबंद कर लिया और तीन अन्य कांग्रेस नेताओं को हिरासत में ले लिया। पुलिस ने शाहजहांपुर जिले की सभी सीमाओं को भी बंद कर दिया है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पुलिस द्वारा उठाने की तसवीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गई हैं। कुछ ही दिन पहले पुलिस ने मामले में 23 वर्षीय पीड़िता को गिरफ़्तार कर लिया था। पीड़िता पर चिन्मयानंद से रंगदारी मांगने का आरोप है। पीड़िता के परिवार ने आरोप लगाया था कि पुलिस पीड़िता को घर से घसीटकर ले गई थी।
चिन्मयानंद पर बलात्कार का आरोप लगाने वाली 23 वर्षीय पीड़िता ने कहा था कि उसके पास पूर्व सांसद के कम से कम 35 वीडियो हैं। पीड़िता ने कहा था कि उसे उम्मीद है कि इन वीडियो के आधार पर उसे इंसाफ़ ज़रूर मिलेगा। पीड़िता ने अंग्रेजी अख़बार ‘द संडे एक्सप्रेस’ से बातचीत में कहा था कि जब भी उसे कॉलेज कैंपस में बने चिन्मयानंद के आवास पर मसाज के लिए बुलाया जाता था तो वह ऐसा चश्मा पहनती थी जिसमें ख़ुफ़िया कैमरा लगा होता था।
पीड़िता के परिवार का आरोप था कि पूर्व सांसद चिन्मयानंद के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले में दख़ल दिया था और स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम यानी एसआईटी गठित कर कार्रवाई करने को कहा था और इलाहाबाद हाई कोर्ट से मामले की निगरानी करने कहा था। चिन्मयानंद के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने के लिए यूपी सरकार और पुलिस पर भारी दबाव था। पीड़िता ने भी आत्मदाह करने की चेतावनी दी थी। इसके बाद चिन्मयानंद को गिरफ़्तार कर 14 दिन के लिए जेल भेज दिया गया था।
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