हेमंत सोरेन
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पूर्णिमा दास
बीजेपी - जमशेदपुर पूर्व
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सोनभद्र कांड को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी की सक्रियता ने हार से पस्त कांग्रेसियों में जान फूंक दी है। आदिवासियों के नरसंहार के बाद घटनास्थल को जा रही प्रियंका को योगी सरकार ने मिर्ज़ापुर में हिरासत में लेकर चुनार किले के गेस्ट हाउस में क़ैद कर दिया। प्रियंका ने प्रशासन की ओर से माँगी गयी 50000 की जमानत भरने से भी इनकार कर दिया है। सोनभद्र जाने पर अड़ीं प्रियंका ने शुक्रवार रात को किला छोड़ने से इनकार कर दिया। इस गेस्ट हाउस में काफ़ी देर तक पानी और बिजली की परेशानी रही। शाम सात बजे से साढ़े आठ बजे तक प्रियंका अंधेरे में बैठी रहीं। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मोबाइल टार्च की रोशनी से उजाला किया। चुनार किले पर जमे अधिकारियों का कहना है कि जमानत न भरने पर प्रियंका को 14 दिनों की जेल पर भेजा जा सकता है। चुनार किले पर कांग्रेस महासचिव पीएल पुनिया, ललितेश पति त्रिपाठी समेत हजारों कांग्रेसी जमा रहे।
प्रियंका की गिरफ़्तारी के बाद कांग्रेस योगी सरकार के निशाने पर आ गयी है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी ने पहले सदन में और फिर बाहर भी पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार को घटना के लिए दोषी बताते हुए कहा कि जमीन का घोटाला 1955 व 1989 में हुआ था और दोनों समय कांग्रेस की सरकारें थीं। उन्होंने कहा कि इस घटना की व्यापक जाँच होगी और सभी तथ्य सामने आएँगे। देर शाम उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा मीडिया के सामने आए और कहा कि प्रियंका राजनीति कर रही हैं।
चुनार किले में क़ैद प्रियंका गाँधी आधी रात तक ज़मीन पर बैठी रहीं। प्रियंका के साथ कांग्रेस के दस कार्यकर्ताओं को भी बंद किया गया है। रात लगभग दस बजे मिर्ज़ापुर जिला प्रशासन के अधिकारियों ने प्रियंका से 50000 के जमानत बांड पर दस्तख़त करने और जमानत भरने को कहा जिससे उन्होंने इनकार कर दिया। रात लगभग एक बजे एडीजी वाराणसी ब्रजभूषण, कमिश्नर मिर्ज़ापुर दीपक अग्रवाल अन्य अधिकारियों के साथ उनसे मिलने पहुँचे लेकिन प्रियंका ने सबको बैरंग वापस कर दिया और सोनभद्र जाने की बात दोहरायी। प्रियंका ने शनिवार सुबह ट्वीट कर पूछा है कि क्या परेशान और दुखी लोगों के आंसुओं को पोछना अपराध है?
क्या इन आँसुओं को पोंछना अपराध है? pic.twitter.com/HdPAEkGJGj
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) July 20, 2019
शनिवार सुबह उन्होंने कार्यकर्ताओं की लायी हुई बिना दूध की चाय पीकर दिन की शुरुआत की और चुनार गेस्ट हाउस के लान में आकर सूर्य नमस्कार किया। प्रियंका ने प्रदेश भर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन की जानकारी लेने के बाद सभी से शांति बनाए रखने को कहा। प्रियंका ने सुबह फिर से सोनभद्र जाने की बात दोहरायी और कहा कि उन्हें मिर्ज़ापुर में गिरफ़्तार किया गया जहाँ धारा 144 भी नहीं लगी थी। उन्होंने कहा कि वह महज चार लोगों के साथ सोनभद्र जाना चाहती थीं पर प्रशासन ने यह बात भी नहीं मानी।
प्रियंका गाँधी की गिरफ़्तारी पर लखनऊ सहित कई जिलों मे बवाल मच गया। सहारनपुर में कांग्रेस नेता इमरान मसूद कलेक्ट्रेट पर धरने पर बैठ गए। इमरान ने कहा कि योगी सरकार तानाशाह हो गयी है और प्रदेश में अपराधों की बाढ़ आ गयी है। उन्होंने कहा जब तक प्रियंका गाँधी को चुनार से रिहा नहीं किया जाता तब तक वह धरने पर बैठे रहेंगे।
जीपीओ हज़रतगंज पर कांग्रेसियों-पुलिस में झड़प हुई। लखनऊ में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अमीर हैदर, पूर्व विधायक श्याम किशोर शुक्ला, सतीश अजमानी, अनीस अंसारी, सुरेंद्र राजपूत, मुकेश सिंह चौहान एवं कार्यकर्ताओं ने विरोध-प्रदर्शन किया। कांग्रेस प्रवक्ता अंशु रात भर डटे रहे। मौक़े पर भारी पुलिस बल तैनात रहा।
प्रियंका की गिरफ़्तारी के विरोध में धरना दे रहीं विधायक आराधना मिश्रा को गिरफ़्तार कर लिया गया। आराधना के साथ बड़ी संख्या में महिलाओं को भी गिरफ़्तार कर लिया गया। अयोध्या में कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. निर्मल खत्री को हिरासत में ले लिया गया। कमला नेहरू भवन पर धरना दे रहे कांग्रेस के 56 कार्यकर्ता भी हिरासत में ले लिए गए। निर्मल खत्री ने कहा कि चुनार गेस्ट हाउस में बिजली-पानी और खाने की व्यवस्था तक नहीं की गई।
सुल्तानपुर में गुस्साए कांग्रेसियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पुतला फूंका। पुतला फूंकने के बाद पुलिस का कहर शुरू हो गया। दर्जनभर कांग्रेसियों को नगर कोतवाली ने हिरासत में ले लिया जबकि कई वरिष्ठ कांग्रेसियों के घर पर दबिश दी गई। प्रशासन का कहना है कि और भी गिरफ्तारियाँ हो सकती हैं। सुल्तानपुर में युवा कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता राजेश तिवारी, पूर्व प्रदेश महासचिव राहुल त्रिपाठी और पूर्व जिलाध्यक्ष अभिषेक सिंह राणा के घर और ऑफ़िस पर छापे पड़े हैं। प्रदेश सरकार ने पुलिस और जीआरपी को सतर्क करते हुए कहा है कि कांग्रेसियों को बवाल करने से हर हाल में रोका जाए।
एसपी और बीएसपी के स्थानीय नेता तक प्रियंका के इस क़दम की सराहना करते हुए उनका साथ दे रहे हैं। इन दलों के कई कार्यकर्ताओं ने प्रियंका की गिरफ़्तारी के बाद अपने नेतृत्व से सवाल पूछना शुरू किया कि आख़िर वे कब सोनभद्र जाएँगे।
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