इसे लेकर समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन कई स्थानों पर शुरू हो गया है।
यूपी में ठोको राज चल रहा है। चुनाव से पहले छापे क्यों : अखिलेश यादव
अखिलेश के करीबी
राजीव राय के कर्नाटक में शिक्षण संस्थान चलते हैं। उसी सिलसिले में ये छापे मारे गए। हालांकि आयकर विभाग ने उनके पास कोई नोटिस वगैरह नहीं भेजा था।
अभी तो आयकर विभाग आया है। ईडी के छापे भी जल्द पड़ेंगे। दरअसल भाजपा भी कांग्रेस के रास्ते पर चल रही हैः अखिलेश यादव
छापे के विरोध में सपा कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन का कड़ाके की ढंग में प्रदर्शन उनका मनोबल बता रहा है।
सवाल तो बनता है
मेरा कोई आपराधिक रेकॉर्ड नहीं है। मैं लोगों की मदद करता हूं, इसलिए भाजपा नाराज हैः राजीव राय
आयकर विभाग के इन छापों का असर सपा के कोर वोटरों पर पड़ना तय है और उससे पार्टी को सहानुभूति भी मिलेगी। सपा इसे केंद्र की दमनकारी नीति के रूप में प्रचार करने से नहीं चुकेगी।
ये छापे बता रहे हैं कि सरकार सपा को लेकर चिंतित जरूर है।
जिस तरह अखिलेश की सभाओं में भीड़ जुट रही है, उससे भाजपा के लिए विधानसभा चुनाव की इम्तेहान कड़ा होता जा रहा है।
ये सवाल तो पूछा ही जाएगा कि प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद अचानक पांच साल बाद कैसे छापों की याद आई।
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