लखनऊ की एक अदालत में गुरुवार को बम धमाका हो गया। इसमें दो वकीलों के घायल होने की सूचना है। रिपोर्टों में कहा गया है कि तीन बम भी बरामद किए गए हैं। बम को निष्क्रिय करने वाला दस्ता मौक़े पर पहुँचा। धमाके की जगह उत्तर प्रदेश विधान सभा से सिर्फ़ एक किलोमीटर दूर है। हमले के बाद कुछ वकीलों ने सुरक्षा में चूक के विरोध में नारेबाज़ी की।
घटना हज़रतगंज में लखनऊ कलेक्ट्रेट में घटी। रिपोर्टों के अनुसार विस्फोट तब हुआ जब इसको वकीलों के एक चैंबर पर फेंका गया। कहा जा रहा है कि लखनऊ बार एसोसिएशन के एक वरिष्ठ सदस्य को निशाना बनाया गया है। 'एनडीटीवी' की एक रिपोर्ट के अनुसार, एसोसिएशन के संयुक्त सचिव संजीव लोधी ने दावा किया कि उन्हें निशाना बनाया गया था और उन्होंने एक दूसरे वकील पर हमले का आरोप लगाया है।
हमले की घटना के बाद कांग्रेस नेता प्रियंका गाँधी ने क़ानून-व्यवस्था को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि उत्तर प्रदेश सरकार को अब साफ़-साफ़ कह देना चाहिए कि उसने तीन साल तक जनता से झूठ बोला। प्रियंका ने कहा कि असल में प्रदेश में अपराधियों का बोलबाला है।
प्रियंका ने ट्वीट किया, 'राजधानी में कचहरी में वकीलों पर बम से हमले हो रहे हैं। राजधानी से लेकर सुदूर क्षेत्र तक कोई सुरक्षित नहीं है। क्या व्यवस्था है ये?'
विपक्ष उत्तर प्रदेश में क़ानून व्यवस्था को लेकर घेरता रहा है। इसी महीने दो फ़रवरी को जब लखनऊ में हमलावरों ने अखिल भारतीय हिंदू महासभा की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष रंजीत बच्चन की गोली मारकर हत्या कर दी थी तब समाजवादी पार्टी ने क़ानून व्यवस्था पर सवाल उठाए थे। समाजवादी पार्टी ने कहा था कि लखनऊ में दिनदहाड़े हिन्दू महासभा के अध्यक्ष की हत्या से आम जनमानस में दहशत है और उत्तर प्रदेश में सरकार और पुलिस का इक़बाल ख़त्म हो गया है। पार्टी ने ट्वीट कर कहा था कि राज्य की निकम्मी सरकार को तत्काल इस्तीफ़ा दे देना चाहिए। बता दें कि पिछले साल लखनऊ में ही हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी की उनके घर में गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। तब भी योगी सरकार पर विपक्ष ने क़ानून-व्यवस्था को लेकर सवाल उठाए थे।
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