बीजेपी उत्तर प्रदेश में निषाद पार्टी और अपना दल के साथ गठबंधन में अगला विधानसभा चुनाव लड़ेगी। बीजेपी के यूपी चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने शुक्रवार को इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में सहयोगी रही निषाद पार्टी का गठबंधन अब विधानसभा चुनाव में भी होगा। हालाँकि, गुरुवार को ही मुख्यमंत्री आवास पर हुई कोर कमिटी की बैठक में इस पर मुहर लग गई थी और आज इसकी औपचारिक घोषणा की गई है।
औपचारिक घोषणा के दौरान निषाद पार्टी के मुखिया डॉ. संजय निषाद भी मौजूद थे। फ़िलहाल सीट बंटवारे को लेकर कोई घोषणा नहीं की गई है। ख़बर है कि सीटों को लेकर बातचीत भी लगभग तय हो चुकी है, लेकिन इसकी घोषणा बाद में की जाएगी। बता दें कि पहले निषाद पार्टी ने विधानसभा चुनावों में 70 सीटें मांगी थीं और राज्य सरकार में मंत्री पद भी मांगा था। लेकिन किस-किस पर सहमति बनी है यह अभी साफ़ नहीं है।
केंद्रीय मंत्री एवं विधानसभा चुनाव प्रभारी श्री @dpradhanbjp, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व प्रदेश प्रभारी श्री @RadhamohanBJP, प्रदेश अध्यक्ष श्री @swatantrabjp व निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री संजय निषाद ने भाजपा प्रदेश कार्यालय पर प्रेस वार्ता को संबोधित किया। pic.twitter.com/Ye0tn7Vp6f
— BJP Uttar Pradesh (@BJP4UP) September 24, 2021
लखनऊ में पार्टी कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि चुनाव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लड़ा जाएगा।
इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि अपना दल भी उत्तर प्रदेश में 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन का हिस्सा होगा।
इस घोषणा से पहले निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने उन कयासों को खारिज कर दिया था जिसमें कहा जा रहा था कि क्या उनकी पार्टी का बीजेपी में विलय होगा। उन्होंने कहा, 'निषाद पार्टी अपनी पार्टी के चुनाव चिह्न पर अलग से चुनाव लड़ेगी। निषाद पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव में अपने उम्मीदवार उतारेगी।' इससे पहले कई बार बीजेपी और निषाद पार्टी में खटपट की ख़बरें आती रही थीं। लेकिन ख़बर है कि आज गठबंधन की औपचारिक घोषणा से पहले बीजेपी नेताओं ने संजय निषाद के साथ कई दौर की बैठकें कीं।
माना जा रहा है कि बीजेपी पूर्वांचल में निषाद पार्टी को 3-4 सीटें दे सकती है। कहा जा रहा है कि डॉ. संजय निषाद को नामित एमएलसी बनाए जाने और मंत्रिमंडल विस्तार होने पर मंत्री बनाए जाने पर भी विचार-विमर्श किया गया है।
बता दें कि 14 अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति का आरक्षण देने, मछुआरों को नदी-तालाब के पट्टे सहित तमाम मांगों को लेकर मुखर संजय निषाद बीजेपी का साथ छोड़ने की चेतावनी देते रहे थे। वह कई बार कह चुके थे कि उनकी ये मांगें नहीं मानी गईं तो वे बीजेपी का साथ छोड़ भी सकते हैं। इसी के साथ शुक्रवार को बीजेपी चुनाव प्रभारी ने गठबंधन की अधिकारिक घोषणा कर उन सभी अटकलों पर अब विराम लगा दिया है।
इस विधानसभा चुनाव में बीजेपी के सामने बड़ी चुनौतियाँ सामने आ सकती हैं। यूपी की राजनीति के जानकारों का कहना है कि बीजेपी के लिए इस बार काफ़ी मुश्किल आने वाली है। ऐसा इसलिए कि युवाओं के सामने रोजग़ार जैसा मुद्दा है और कोरोना महामारी के बाद जो हालात बने वे बीजेपी सरकार के ख़िलाफ़ जाते हैं। इसके अलावा क़ानून व्यवस्था सहित कई मुद्दों पर विपक्षी दल बीजेपी को निशाने पर लेते रहे हैं।
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