देश की सर्वोच्च अदालत, भारत सरकार और राज्यों की सरकारें क्या बलात्कार की घटनाओं को रोकने के लिए सख़्त क़ानून बेवजह ही बना रही हैं, क्या इन क़ानूनों से कुछ नहीं होगा। उत्तर प्रदेश के चर्चित बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह के बयान से तो ऐसा ही लगता है। सुरेंद्र सिंह ने दम ठोककर कहा है कि बलात्कार की घटनाएं सिर्फ़ बेटियों को संस्कार देने से ही रूक सकती हैं।
हाथरस में दलित युवती के साथ हुई हैवानियत को लेकर देश भर के लोगों में गुस्सा है। लोग सड़कों पर हैं और बलात्कार के मामलों में और ज़्यादा सख़्त क़ानून बनाए जाने, उनको लागू करने और महिलाओं-युवतियों की सुरक्षा के लिए ठोस क़दम उठाने की मांग कर रहे हैं। लेकिन बीजेपी विधायक के मुताबिक़, इससे कुछ नहीं होगा क्योंकि ऐसी घटनाओं के पीछे महिलाओं-युवतियों में संस्कार न होना ही प्रमुख कारण है।
अक्सर अपने बेहूदे बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले बलिया के विधायक सुरेंद्र सिंह ने एक स्थानीय पत्रकार के साथ बातचीत में जो कुछ कहा, उसे सुनकर आप ज़रूर उनकी मानसिकता पर लानत भेजेंगे। विधायक से जब पत्रकार ने पूछा कि राम राज्य के दावों के बीच बलात्कार जैसी घटनाएं आए दिन हो रही हैं, तो इसका क्या कारण है।
‘शालीन व्यवहार करना सिखाएं’
इस पर विधायक ने कहा, ‘ये घटनाएं संस्कार से ही रूक सकती हैं, शासन और तलवार से नहीं रूक सकतीं। सभी माता-पिता का धर्म है कि अपनी जवान बेटी को एक संस्कारित वातावरण में रहने, चलने और शालीन व्यवहार प्रस्तुत करने का तरीक़ा सिखाना चाहिए। ये सभी का धर्म है।’ उन्होंने जोर देकर कहा कि वे विधायक के साथ शिक्षक भी हैं।
बीजेपी विधायक ने कहा, ‘जहां सरकार का धर्म रक्षा करने का है, वहीं परिवार का भी धर्म है कि अपने बच्चों में संस्कार डालें। सरकार और संस्कार मिल कर के भारत को सुंदर रूप दे सकते हैं, वरना दूसरी कोई विधा सामने आने वाली नहीं है।’ मतब विधायक कहना चाहते हैं कि सख़्त क़ानून से इस तरह की घटनाएं नहीं रूक सकतीं।
बलात्कार पीड़ित महिलाएं असंस्कारी?
आपने पढ़ी विधायक के ‘मन की बात’। इनका वीडियो खासा वायरल है, सोशल मीडिया पर आप उसे सुन भी सकते हैं। अब इन विधायक महोदय से कोई पूछे कि क्या जिनके साथ बलात्कार होता है, उन युवतियों-महिलाओं में कोई संस्कार नहीं होते। विधायक के कहने का मतलब साफ है कि महिलाओं-युवतियों में संस्कार नहीं हैं, इस वजह से बलात्कार जैसी घटनाएं हो रही हैं।
विधायक से ये पूछा जाए कि 3 साल की या 4-6 साल की बच्चियों के साथ बलात्कार की घटनाएं हो रही हैं, तो क्या वे भी असंस्कारी हैं और 86 साल की वृद्धा के साथ इस तरह की घटना हो रही है तो फिर विधायक के मुताबिक़ वे भी असंस्कारी होंगी?
कार्रवाई होगी?
निश्चित रूप से मोदी और योगी सरकार को इस विधायक से पूछना चाहिए कि उन्होंने ऐसा बयान किस आधार पर दे दिया। लेकिन इनके पिछले बयानों को लेकर आज तक इन पर कभी कोई कार्रवाई नहीं हुई है, इसलिए यह लगभग तय है कि इनसे कुछ नहीं पूछा जाएगा।
सोनिया की तुलना सपना चौधरी से
पिछले साल लोकसभा चुनाव से ठीक पहले इन्हीं विधायक ने हरियाणवी डांसर सपना चौधरी की तुलना कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से की थी। उन्होंने राहुल गांधी को सलाह दी थी कि वे सपना को अपना बना लें और यह अच्छा हो गया है कि अब सास और बहू दोनों ही एक ही कल्चर और एक ही पेशे से रहेंगी। इससे पहले सुरेंद्र सिंह ने प्रियंका गांधी वाड्रा को सूपर्णखा बताया था और बीएसपी सुप्रीमो मायावती की तुलना भैंस से की थी।
महिलाओं पर बीजेपी नेताओं के भद्दे बयान
ऐसा नहीं है कि बीजेपी में सुरेंद्र सिंह ने ही महिलाओं पर इस तरह के बयान दिए हों, कई और नेता इस कतार में शामिल हैं।
पिछले साल बीजेपी की विधायक साधना सिंह ने मायावती को किन्नर से भी ज़्यादा बदतर बताया था। उन्होंने कहा था कि मायावती न तो नर है और न ही महिला।
उत्तर प्रदेश के बस्ती से बीजेपी सांसद हरीश द्विवेदी ने कहा था, ‘जब प्रियंका दिल्ली में रहती हैं तो जींस और टॉप में रहती हैं और जब क्षेत्र में आती हैं तो साड़ी और सिंदूर लगाकर आती हैं।’ बीजेपी सांसद की नज़र में प्रियंका ने जींस और टॉप पहनकर कोई बहुत बड़ा ग़ुनाह कर दिया है।
यह बात साफ है कि बीजेपी नेतृत्व की ओर से कभी ऐसे नेताओं के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई नहीं की गई, इसी वजह से वे लगातार इस तरह के बयान देते रहते हैं। क्योंकि उन्हें पता है कि उन पर कोई कार्रवाई नहीं होगी और ऐसे उल-जूलूल बयानों से उन्हें बिना कुछ किए ही चर्चा मिलती रहेगी।
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