नागरिकता संशोधन क़ानून को लेकर हुए विरोध-प्रदर्शनों के बीच उत्तर प्रदेश में कई जगह पर पुलिस के द्वारा लोगों को बेरहमी से पीटे जाने के वीडियो सोशल मीडिया पर ख़ूब वायरल हुए हैं। लेकिन अब उत्तर प्रदेश में ही बीजेपी के एक विधायक और उनके समर्थकों के ख़िलाफ़ एक कांस्टेबल को पुलिस थाने में जूतों से पीटने, पेशाब पीने के लिए मजबूर करने और उसकी सोने की चैन और पर्स लूटने के आरोप में मुक़दमा दर्ज किया गया है।
विधायक का नाम है किशन लाल राजपूत और ये उत्तर प्रदेश के पीलीभीत की बरखेड़ा विधानसभा सीट से विधायक हैं। विधायक के 16 ज्ञात और 35 अज्ञात समर्थकों के ख़िलाफ़ भी मुक़दमा दर्ज किया गया है। पीड़ित कांस्टेबल का नाम मोहित गुर्जर है। ख़बरों के मुताबिक़, मोहित गुर्जर ने 50 हज़ार रुपये में एक बाइक ख़रीदी थी लेकिन बाइक को बेचने वाले राहुल के पास बाइक के वैध कागजात नहीं थे और इस वजह से यह बाइक कांस्टेबल के नाम पर नहीं हो पा रही थी। कांस्टेबल ने राहुल से पैसे वापस करने के लिए कहा था और इसे लेकर उससे उसका विवाद चल रहा था।
मोहित गुर्जर ने कहा, ‘12 सितंबर को जब मैंने अपने पैसे वापस मांगे तो राहुल ने मुझे पीलीभीत मंडी समिति के गेट पर बुलाया। वहां पर बीजेपी विधायक राजपूत के भतीजे रिषभ और कुछ अन्य लोग राहुल के साथ पहले से ही खड़े थे।’
कांस्टेबल ने कहा, ‘जब मैं वहां पहुंचा तो उन्होंने मुझे गालियां दी और पीटा। उन्होंने मुझ पर फ़ायर भी झोंका लेकिन मैं बाल-बाल बच गया। उन्होंने मेरी सोने की चैन और पर्स लूट लिया। पिटाई के कारण मुझे गंभीर चोटें आई हैं।’
कांस्टेबल ने कहा कि वह अपनी जान बचाने के लिए असम रोड पुलिस थाने की ओर भागा लेकिन बीजेपी विधायक राजपूत अपने समर्थकों के साथ पुलिस थाने पर पहुंच गए और उसे जूतों से पीटना शुरू कर दिया। कांस्टेबल का आरोप है कि विधायक ने अपने समर्थकों से उसे जबरन पेशाब पिलाने के लिए भी कहा।
कांस्टेबल के आरोप बेहद गंभीर हैं क्योंकि उसने कहा है कि इस दौरान पुलिस थाने में मौजूद पुलिस अफ़सर चुप बैठे रहे। कांस्टेबल ने कहा कि उसने इस मामले में सुनगढ़ी पुलिस स्टेशन में मुक़दमा भी दर्ज कराया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
कांस्टेबल के मुताबिक़, इसके बाद उसने अदालत का दरवाज़ा खटखटाया और अदालत के आदेश के बाद ही पुलिस ने विधायक और उसके समर्थकों के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज किया।
विधायक के फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल में लिखा है कि वह विधानसभा की संसदीय शोध, संदर्भ एवं अध्ययन समिति के सदस्य हैं और पूर्व ग्राम विकास अधिकारी रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने ग्राम्य विकास विभाग से 2 वर्षीय प्रसार प्रशिक्षण डिप्लोमा भी लिया है।
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