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बरेली: युवक का आरोप- मास्क न पहनने पर हाथ-पैरों में कील ठोकी, पुलिस का इनकार

28 साल के एक युवक ने बरेली पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। युवक का कहना है कि पुलिस ने मास्क न पहनने पर उसे हिरासत में ले लिया और उसके हाथ-पैरों में कील ठोक दी। लेकिन पुलिस ने इस आरोप से इनकार किया है और कहा है कि एक मामले में गिरफ़्तार होने से बचने के लिए युवक ने ख़ुद ही ऐसा किया। यह मामला एक कांस्टेबल पर हमले से जुड़ा है। 

पुलिस ने कहा है कि 24 मई को जब कांस्टेबल हरि ओम ने रंजीत को रोका तो वह नशे में था और बाहर घूम रहा था। उसने मास्क भी नहीं पहना था। हरि ओम के कुछ कहने पर रंजीत ने बदतमीजी शुरू कर दी और उस पर हमला कर भाग गया। इसके बाद पुलिस ने रंजीत के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज कर लिया और घर पर छापा मारकर उसे दबोच लिया। 

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बरेली के जोगी नवादा इलाक़े में रहने वाले रंजीत के इन आरोपों को लेकर पुलिस भी गंभीर हो गई है। एसएसपी रोहित सिंह सजवान ने कहा है कि जांच में पता चला है कि रंजीत के आरोप झूठे हैं। रंजीत मजदूरी करता है। 

पुलिस का कहना है कि रंजीत पहले भी अपराधों में शामिल रहा है। 2019 में नशे की हालत में एक मंदिर में मूर्तियों को अपवित्र करने को लेकर उसे गिरफ़्तार किया गया था। इस मामले में अदालत में मुक़दमा चल रहा है। पुलिस ने जिला अस्पताल में रंजीत का इलाज कराया है और कहा है कि हालत में सुधार होने के बाद उसे हिरासत में लिया जाएगा। 

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लॉकडाउन के दौरान तमाम राज्यों से इस तरह के वीडियो सामने आते रहे हैं जिसमें पुलिस ने मास्क न पहनने वालों या बेवजह बाहर घूमने वालों पर लाठियां भी बरसाईं। लेकिन कई जगहों पर पुलिस मददगार की भूमिका में भी दिखी और कोरोना संक्रमितों के इलाज से लेकर अंतिम संस्कार तक का काम उसने बख़ूबी किया। 
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क़मर वहीद नक़वी
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