नोएडा के सेक्टर 39 थाने में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं की दबंगई का मामला सामने आया है। बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने कथित रूप से बलात्कार की घटना के एक आरोपी को छुड़ाने के लिए थाने में हंगामा किया। इस दौरान उन्होंने थाने में मौजूद सिपाहियों और चौकी प्रभारी से अभद्रता और मारपीट की। यह घटना गुरूवार को हुई।
क्या है मामला?
स्थानीय समाचार पत्रों के मुताबिक, महीने भर पहले सेक्टर 39 के थाना क्षेत्र में एक किशोरी का अपहरण हुआ था। पुलिस ने किशोरी को ढूंढ निकाला था लेकिन उसने उसके साथ दुष्कर्म होने व गर्भवती होने की बात कही थी।
पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया और वह उसे थाने ले आई। लेकिन कुछ लोग उसके समर्थन में थाने में पहुंच गए।
इसके बाद बड़ी संख्या में बजरंग दल के कार्यकर्ता भी थाने में पहुंच गए और वहां उन्होंने जमकर हंगामा किया।
हालात इस कदर बिगड़ गए कि कई थानों की पुलिस को बुलाना पड़ा और कई घंटे तक हंगामा चलता रहा।
इस मामले में नोएडा पुलिस के एडीसीपी रणविजय सिंह ने कहा कि थाने में घुसकर आए लोगों ने पुलिस के साथ धक्का-मुक्की और मारपीट की है। पुलिस ने इस प्रकरण में एक नामजद और 50-60 अज्ञात लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया है और पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है।
उत्तर प्रदेश पुलिस के बारे में कहा जाता है कि योगी आदित्यनाथ के शासन में अपराधियों में पुलिस का खौफ है। लेकिन यहां तो उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े और दिल्ली से लगे हुए शहर में बजरंग दल के कार्यकर्ता थाने में घुस गए और पुलिस से ही हाथापाई कर दी।
इस घटना के बाद तो उत्तर प्रदेश पुलिस को थाने में दबंगई करने वालों के घरों पर बुलडोजर चला देना चाहिए था। क्योंकि पुलिस खुद जोर-शोर से अपराधियों के खिलाफ बुलडोजर चलाए जाने का प्रचार करती दिखती है।
निश्चित रूप से यह सीधे तौर पर पुलिस को चुनौती है और पुलिस को अपने स्वाभिमान और इकबाल को बुलंद रखने के लिए बजरंग दल के हुड़दंगियों को सबक जरूर सिखाना चाहिए जिससे पुलिस पर पक्षपात के भी आरोप न लगें।
बजरंग दल बीजेपी शासित राज्यों में धर्मांतरण के आरोपों को लेकर भी कई बार हंगामा खड़ा कर चुका है।
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