समाजवादी पार्टी के नेता अब्दुल्ला आज़म खान का नाम रामपुर विधानसभा क्षेत्र की मतदाता सूची से भी हटा दिया गया है।
अब्दुल्ला आजम खान को बुधवार को यूपी विधानसभा के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था, क्योंकि एक अदालत ने उन्हें 15 साल पुराने एक मामले में दो साल की कैद की सजा सुनाई थी। एक चुनाव अधिकारी ने अब्दुल्ला का नाम मतदाता सूची से हटाने की पुष्टि की है।
पीटीआई के मुताबिक चुनाव अधिकारी ने बयान में कहा कि रामपुर विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी (ईआरओ) ने रामपुर से बीजेपी विधायक आकाश सक्सेना द्वारा मतदाता सूची से अब्दुल्ला आजम खान का नाम हटाने की मांग के बाद यह निर्णय लिया।
अपने आदेश में, ईआरओ निरंकार सिंह ने कहा कि सक्सेना द्वारा प्रस्तुत आवेदन में कहा गया है कि अब्दुल्ला आजम खान की सदस्यता जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत खत्म हो गई है। साथ ही उनका नाम मतदाता सूची से हटाने की गुहार लगाई गई।
ईआरओ ने कहा कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार, किसी भी व्यक्ति का नाम अगर रजिस्ट्रेशन के बाद अयोग्य हो जाता है, उस मतदाता सूची से तुरंत हटा दिया जाता है।
सरकारी आदेश में कहा गया है, यह प्रावधान स्पष्ट करता है कि अयोग्य घोषित किए जाने के बाद अब्दुल्ला आजम खान का नाम तुरंत मतदाता सूची से हटा दिया जाए।
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम खान ने विधानसभा में रामपुर जिले के स्वार का प्रतिनिधित्व किया था।
यूपी विधानसभा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, अब्दुल्ला आजम खान को 15 साल पुराने एक मामले में मुरादाबाद की अदालत द्वारा दो साल (जेल में) की सजा सुनाए जाने के बाद अयोग्य घोषित किया गया है। उनकी सीट 13 फरवरी से खाली घोषित की गई है।
अब्दुल्ला आज़म खान को उनके पिता के साथ धारा 353 (लोक सेवक को अपने कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए आपराधिक बल) और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के अन्य प्रावधानों के तहत 29 जनवरी, 2008 को एक राज्य राजमार्ग पर धरने पर सजा सुनाई गई थी। 31 दिसंबर, 2007 को रामपुर में सीआरपीएफ कैंप पर हुए हमले के मद्देनजर पुलिस ने उनके काफिले को चेकिंग के लिए रोक दिया था।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विधानसभा के लिए उनके चुनाव को रद्द करने के बाद उन्हें पहले 2020 में अयोग्य घोषित कर दिया गया था। उनकी पिछली अयोग्यता 16 दिसंबर, 2019 से प्रभावी थी।
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