loader

‘आपको अनुष्ठान के लिए नहीं, उम्मीदें पूरी करने के लिए वोट दिया है’

आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने कहा है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को याद रखना चाहिए कि लोगों ने उन्हें अपने घर पर बैठकर धार्मिक अनुष्ठान करने के लिए वोट नहीं दिया है बल्कि लोगों की आकांक्षाओं और उम्मीदों को पूरी करने के लिए दिया है। 

बीते कुछ सालों में दलितों के नेता के तौर पर उभरे चंद्रशेखर आजाद ने द इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में हाल ही में हुई यूपीपीईटी की परीक्षा के दौरान छात्र-छात्राओं को हुई परेशानी, दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री राजेंद्र पाल गौतम के इस्तीफे, विश्वविद्यालयों में फीस की बढ़ोतरी सहित हिमाचल और गुजरात के विधानसभा चुनाव पर भी अपनी बात खुलकर रखी है। 

आजाद ने यूपीपीईटी की परीक्षा के दौरान सरकारी कुप्रबंधन को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा, “भारत में अब लोकतंत्र नहीं रह गया है बल्कि यहां एक राजतंत्र है जो कि लोकतंत्र की तरह दिखाई देता है। चुनाव के दौरान राजनीतिक दल नौकरियों को लेकर बड़े-बड़े वादे करते हैं। कोई कहता है कि आपको दो करोड़ नौकरियां देंगे। युवा वर्ग एक सरकारी नौकरी के लिए मेहनत करता है लेकिन रोजगार को लेकर हालात बहुत खराब हैं।” 

ताज़ा ख़बरें

आजाद ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “हालात यह हैं कि चतुर्थ श्रेणी की 10 नौकरियों के लिए 5 लाख लोग आवेदन करते हैं और इन 5 लाख लोगों में से 2 लाख लोगों के पास अच्छी डिग्रियां भी होती हैं।” 

आजाद ने कहा, “लोगों का कहना था कि अगर यह परीक्षा कोई धार्मिक आयोजन होती तो उम्मीदवारों पर फूल बरसाए जाते। उन्होंने कहा कि धार्मिक आयोजनों में और चुनावी रैलियों के लिए नई ट्रेनें चला दी जाती हैं। मुख्यमंत्री को राज्य का अभिभावक होने के नाते इस बात को सुनिश्चित करना चाहिए था कि सभी छात्र सुरक्षित ढंग से यात्रा कर सकें।” 

Azad Samaj Party president Chandrashekhar Azad on Rajendra pal gautam controversy - Satya Hindi
आजाद ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महिलाओं की सुरक्षा के बारे में बात करते हैं लेकिन छात्राओं को भी परीक्षा के दौरान काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? 

आजाद ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा, "मुख्यमंत्री को यह याद रखना चाहिए कि लोगों ने उन्हें इस बात के लिए वोट नहीं दिया है कि वह घर पर बैठकर धार्मिक अनुष्ठान करें बल्कि इस बात के लिए वोट दिया है कि वह युवाओं की उम्मीदों को पूरा कर सकें।" उन्होंने कहा कि अगर वह ऐसा नहीं कर सकते तो उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। 

चंद्रशेखर आजाद ने उत्तर प्रदेश में 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले आजाद समाज पार्टी के नाम से राजनीतिक दल बनाया था। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ विधानसभा का चुनाव भी लड़ा था लेकिन उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा था।

बताना होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर केदारनाथ जा रहे हैं और इससे पहले वह उज्जैन के महाकाल मंदिर के साथ ही, काशी विश्वनाथ मंदिर भी जा चुके हैं। उन्होंने राम मंदिर का भूमि पूजन भी किया था। आजाद ने यह बात कहकर योगी आदित्यनाथ के साथ ही तमाम राजनेताओं को उनका असली कर्तव्य याद दिलाने की कोशिश की है। आजाद का कहना है कि लोगों ने नेताओं को मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री इसलिए बनाया है कि वे लोगों की आकांक्षाओं और उम्मीदों पर खरे उतर सकें। 

Azad Samaj Party president Chandrashekhar Azad on Rajendra pal gautam controversy - Satya Hindi

22 प्रतिज्ञाओं को लेकर विवाद 

दिल्ली में बीते दिनों केजरीवाल सरकार के पूर्व मंत्री राजेंद्र पाल गौतम के द्वारा एक आयोजन में लोगों को दिलाई गई 22 प्रतिज्ञाओं को लेकर काफी विवाद हुआ था। इन प्रतिज्ञाओं को दिलाए जाने का वीडियो सामने आने के बाद बीजेपी ने राजेंद्र पाल गौतम और केजरीवाल सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। इसके बाद अरविंद केजरीवाल ने राजेंद्र पाल गौतम का इस्तीफा ले लिया था। इस पूरे विवाद में आम आदमी पार्टी की क्या भूमिका रही, इस सवाल के जवाब में आजाद ने कहा कि राजेंद्र पाल गौतम को आम आदमी पार्टी ने इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया। उन्होंने कहा कि जब राजेंद्र पाल गौतम को पूछताछ के लिए पुलिस थाने ले गई तो भीम आर्मी के लोग वहां पहुंचे थे जबकि उनकी पार्टी के लोग नहीं आए। 

Azad Samaj Party president Chandrashekhar Azad on Rajendra pal gautam controversy - Satya Hindi

उन्होंने कहा कि डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने इन प्रतिज्ञाओं को तब लिया था जब उन्होंने हिंदू धर्म छोड़कर बौद्ध धर्म स्वीकार कर लिया था और साथ ही उन्होंने हिंदू देवी-देवताओं को भगवान मानने से इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा कि अगर मैं किसी देवता को भगवान नहीं मानता तो यह उनका अनादर नहीं है, हां अगर मैं किसी देवता के खिलाफ कुछ कहूं तो यह उनका अनादर करना होगा। 

दलितों के युवा नेता के तौर पर अपनी पहचान बनाने वाले आजाद ने कहा कि राजेंद्र पाल गौतम के खिलाफ शिकायत किसने की, दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष ने। लेकिन उन्हें इस्तीफा देने के लिए मजबूर किसने किया। 

आजाद ने इसका जवाब देते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने। इसका मतलब यह हुआ कि यह दोनों ही डॉ बाबासाहेब आंबेडकर पर भरोसा करने वाले लोगों के वोट हासिल करना चाहते हैं लेकिन अब उनका सच सामने आ चुका है।

आजाद ने कहा कि दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक समुदाय के वे लोग जो डॉक्टर आंबेडकर में भरोसा करते हैं उन्हें आम आदमी पार्टी के जाल में नहीं फंसना चाहिए। 

उन्होंने कहा कि गुजरात और हिमाचल प्रदेश में आम आदमी पार्टी का संगठन बेहद मजबूत है और हिमाचल प्रदेश में आजाद समाज पार्टी पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ेगी। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी और बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में फीस बढ़ाए जाने के मामले में छात्रों के विरोध पर आजाद ने कहा कि इन विश्वविद्यालयों में दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यक समूह के छात्र पढ़ते हैं और ये आर्थिक रुप से कमजोर हैं। फीस बढ़ाने से इन लोगों के लिए शिक्षा हासिल करना मुश्किल हो जाएगा। 

उत्तर प्रदेश से और खबरें

आजाद ने कहा कि आरएसएस और बीजेपी शिक्षा के महत्व को कभी नहीं समझेंगे और उनकी राजनीति लोगों को बांटने की है और वे शैक्षिक संस्थानों को खत्म करना चाहते हैं। 

आजाद ने दलितों के मुद्दे पर काफी संघर्ष किया है और साल 2020 में हाथरस में एक दलित युवती से बलात्कार के मामले को उन्होंने कई मंचों पर जोर-शोर से उठाया था। सोशल मीडिया पर उन्हें फॉलो करने वाले युवाओं की एक अच्छी खासी संख्या है। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

उत्तर प्रदेश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें