गैंगस्टर अतीक अहमद ने उमेश पाल मर्डर केस में अपनी भूमिका स्वीकार कर ली है। उसने पुलिस को दिए बयान में कहा कि उमेश पाल के मर्डर की योजना साबरमती जेल में बनी थी। पुलिस ने सीजेएम कोर्ट इलाहाबाद में गुरुवार को जो रिमांड नोट पेश किया है, उसमें अतीक के हवाले से यह बात कही गई है। हालांकि यह आरोप नया नहीं है। क्योंकि 24 फरवरी को उमेश पाल की हत्या के बाद तमाम मीडिया ने पुलिस सूत्रों के हवाले खबर दी थी कि अतीक ने साबरमती जेल में उमेश की हत्या की योजना बनाई थी।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक सीजेएम के रिमांड नोट में अतीक के हवाले से कहा गया है कि उसने अपनी पत्नी से एक सिम कार्ड और एक मोबाइल का इंतजाम करने को कहा था। चूंकि अतीक और उसका भाई अशरफ जेल में थे तो हथियार, कैश और शूटरों के बारे में सारी सूचनाएं अतीक की पत्नी शाइस्ता और बेटे असद को दी गई थी। असद दो दिन पहले हुए झांसी एनकाउंटर में मारा जा चुका है। पुलिस ने रिमांड नोट में अतीक के हवाले से कहा है कि अतीक ने खुद स्वीकार किया है कि साबरमती जेल में उसने उमेश पाल की हत्या की योजना बनाई थी।
उमेश पाल की हत्या 24 फरवरी को दिन दहाड़े प्रयागराज के धूमनगंज इलाके में उनके घर के बाहर की गई थी। पुलिस का दावा है कि वहां से जो सीसीटीवी फुटेज मिले थे, उसमें असद और अन्य आरोपी आ गए थे। इसलिए इस केस को सुलझाने में काफी मदद मिली। असद के अलावा पुलिस इस केस में अभी तक विजय चौधरी और अरबाज का एनकाउंटर कर चुकी है।
प्रयागराज की धूमनगंज पुलिस ने अपने रिमांड नोट में कथित तौर पर कोर्ट में दावा किया है कि अतीक ने पूछताछ करने वाले पुलिस अधिकारियों को बताया था कि उसके पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और लश्कर ए तैयबा से संबंध हैं। पुलिस का दावा है कि अतीक ने बयान दिया है कि उसे पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए हथियार भेजे गए, जिन्हें पंजाब में सीमा पर गिराया गया। इसके बाद उन हथियारों को लोकल संपर्क के जरिए जम्मू कश्मीर पहुंचाया गया।
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक यूपी एटीएस के अधिकारियों ने बताया कि पुलिस अतीक और अशरफ के हथियार सप्लाई को लेकर बिचौलिया बनने के बारे में और सूचना जुटाएगी। इस संबंध में उसका पंजाब पुलिस के सूत्रों से भी संपर्क बना हुआ है।
इसी तरह बताया जाता है कि अतीक के भाई अशरफ ने पुलिस को बताया है कि उसे उमेश पाल की हत्या में इस्तेमाल हथियारों की जानकारी है। उमेश को मारने में जिस .45 बोर की जिस पिस्टल का इस्तेमाल हुआ है, वो झोपड़ी पट्टी इलाके में रहने वाले कल्लू के पास रखी है। अगर पुलिस उसे वहां लेकर जाती है तो वो पिस्टल बरामद करा सकता है।
पुलिस का कहना है कि पूछताछ के दौरान इस बात का भी खुलासा हुआ है कि अतीक की पत्नी शाइस्ता जब भी अतीक या अशरफ से मिलने जाती थी सिम और मोबाइल का प्रबंध करती थी। अशरफ वाट्सऐप कॉल और फेसटाइम कॉल के जरिए अपने गैंग के संपर्क में रहता था। अशरफ ने पुलिस को बताया कि इस बार सबसे पहले उमेश पाल के सुरक्षाकर्मियों और फिर उमेश पाल को मारने की योजना बनाई गई थी। जबकि राजूपाल की हत्या के समय पहले राजूपाल को मारा गया और फिर उनके सुरक्षाकर्मियों को मारा गया था। राजूपाल की हत्या का उमेशपाल चश्मदीद गवाह था।
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक इस बीच लखनऊ एटीएस की टीम प्रयागराज पहुंच गई है जो इस बात की जांच कर रही है कि क्या अतीक के संबंध पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और लश्कर ए तैयबा से थे। एटीएस में डीएसपी रैंक का अधिकारी अतीक और अशरफ से इस बारे में अलग-अलग पूछताछ कर रहा है।
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