प्रयागराज में शुक्रवार को बमबारी, गोलीबारी और हत्या में आपराधिक इतिहास वाले अतीक अहमद का नाम सामने आया है। अतीक अहमद इलाहाबाद पश्चिम सीट से विधायक रहे और इस समय अहमदाबाद जेल में बंद हैं। उन पर यूपी पुलिस गैंगस्टर एक्ट में कार्रवाई कर चुकी है। ताजा घटना का संबंध पूर्व बीएसपी विधायक राजू पाल की 2005 में की गई हत्या से है। राजू पाल की हत्या के गवाह उमेश पाल को कल शुक्रवार को गोलियों से उड़ा दिया गया। इस आरोप में पुलिस ने अतीक अहमद के दो बेटों सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। लेकिन एफआईआर में नाम अतीक अहमद का भी आया है।
घटना की वजह
अतीक अहमद पर अक्टूबर 2022 में राजू पाल की हत्या का आरोप तय हुआ था। उसके बाद गवाहों के बयान होने थे। इसमें उमेश पाल की गवाही सबसे अहम थी। उमेश पाल इन दिनों बीजेपी में था। बहरहाल, यूपी पुलिस और केंद्रीय एजेंसियां लंबे समय से जेल में बंद बाहुबली नेता अतीक अहमद पर कार्रवाई कर रही है। पिछले दिनों यूपी सरकार ने अतीक की 123 संपत्तियों को कुर्क करने का दावा किया था।
कौन है अतीक अहमद
2004-09 में अतीक को यूपी के फूलपुर से सपा सांसद के रूप में चुना गया। 1999-2003 तक वह अपना दल के अध्यक्ष थे। उनके खिलाफ हत्या का पहला सीधा आरोप बीएसपी विधायक राजू पाल के मामले में लगा। राजू पाल ने 2004 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में अतीक के भाई अशरफ को हराया था।
8 अगस्त, 2002 को अतीक अहमद तत्कालीन विधायक थे और तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती के साथ राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण जेल में थे। अदालत में पेशी के दौरान, उन्हें एक बम हमले का सामना करना पड़ा लेकिन वह बच गए। 2014 में, उन्हें सपा में वापस ले लिया गया और श्रावस्ती से आम चुनाव लड़ा। वह भाजपा से हार गए।
14 दिसंबर 2016 को, अतीक और उसके गुर्गों ने कथित रूप से दो छात्रों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सैम हिगिनबॉटम कृषि, प्रौद्योगिकी और विज्ञान विश्वविद्यालय के कर्मचारियों के साथ मारपीट की। यह वीडियो वायरल हुआ था।
कल क्या हुआ था
इलाहाबाद में शुक्रवार की घटना कई सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गई है।
इलाहाबाद पुलिस ने बताया कि 2005 में बहुजन समाज पार्टी के विधायक राजू पाल की हत्या के मामले में एक प्रमुख गवाह उमेश पाल की प्रयागराज में हुंडई क्रेटा एसयूवी की पिछली सीट से बाहर निकलते समय एक अज्ञात व्यक्ति ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
सीसीटीवी फुटेज में उमेश पाल और उनके दो पुलिस अंगरक्षकों में से एक को एसयूवी से बाहर निकलते हुए दिखाया गया है, तभी अचानक पीछे से एक आदमी आया और उसे गोली मार दी। पुलिस ने कहा कि कुछ अन्य लोगों ने हमले के दौरान कच्चे बमों का इस्तेमाल किया। जिससे सड़क पर दहशत और अराजकता फैल गई। आरोपी लोग सुरक्षित भाग गए। अफरातफरी के दौरान कई लोग अपने वाहन छोड़कर दुकानों की ओर भागे।
उमेश पाल के अंगरक्षक ने हमलावर को पकड़ने की कोशिश की, लेकिन उसे भी गोली लग गई। दूसरे अंगरक्षक को भी एक गोली लगी।
उमेश पाल, जो खुद घायल थे, हमलावर का पीछा करने के लिए गली की ओर भागे, जबकि उनके अंगरक्षक सड़क पर घायल पड़े थे। लेकिन भागने से पहले हमलावर ने उमेश को आखिरी बार वहीं गोली मारी। पुलिस ने कहा कि उमेश पाल को स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
पुलिस ने कहा कि एक अंगरक्षक की हालत गंभीर है और उसे वेंटिलेटर पर रखा गया है, जबकि डॉक्टर दूसरे की सर्जरी कर रहे हैं।
प्रयागराज के पुलिस प्रमुख रमित शर्मा ने संवाददाताओं से कहा, यह घटना उमेश पाल के घर के ठीक बाहर हुई। अब तक यह पुष्टि हुई है कि दो बम फेंके गए थे और उन्हें एक छोटे हथियार से दागा गया था।
शर्मा ने कहा, हमने घटना के हर पहलू की जांच करने और हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को गिरफ्तार करने के लिए आठ टीमों का गठन किया है।
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