उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कूदने को तैयार एआईएमआईएम प्रमुख असदउद्दीन ओवैसी के बयानों पर बीजेपी तुरंत जवाब दे रही है। ओवैसी ने रविवार को कहा कि योगी आदित्यनाथ के शासन में हुए एनकाउंटर्स में मरने वालों में 37 फ़ीसदी मुसलमान हैं। ओवैसी बलरामपुर के उतरौला में भागीदारी संकल्प मोर्चा के बैनर पर आयोजित जनसभा में बोल रहे थे। इसमें मोर्चा के संयोजक और पूर्व कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर भी मंच पर मौजूद थे। उत्तर प्रदेश में अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने हैं।
ओवैसी ने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने भारत के संविधान की धज्जियां उड़ाने में कोई कसर बाकी नहीं रखी है। कुछ दलों द्वारा राजभर और उन्हें बीजेपी की बी टीम बताने पर पलटवार करते हुए हैदराबाद के सांसद ने कहा कि राजभर और वह जिसका साथ देंगे, वह तख्त पर बैठ जाएगा और जिसका साथ छोड़ देंगे, वह लेट जाएगा।
ओवैसी ने यह भी कहा कि योगी आदित्यनाथ कहते हैं कि ठोक दो। उन्होंने पूछा कि क्या यह हुक़ूमत संविधान के तहत काम कर रही है।
मुसलिमों को वकील बनाएं ओवैसी
ओवैसी के इस बयान पर योगी सरकार के मंत्री मोहसिन रजा तुरंत सामने आ गए। रजा ने कहा, “ओवैसी को मुसलमानों को अपराधी बनने से रोकना चाहिए और अपनी तरह वकील बनाना चाहिए। ओवैसी के भाषण ऐसे होते हैं जिससे मुसलिम अपराधी बन जाते हैं।” उन्होंने कहा कि ओवैसी की भाषा से देश के एक और विभाजन की तसवीर उभरकर सामने आती है।
ओवैसी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए सूबे के डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने पूछा कि ओवैसी अपराधियों को धर्म के आधार पर क्यों आंक रहे हैं। शर्मा ने ‘आज तक’ से बातचीत में कहा कि प्रदेश में अपराधियों के साथ कोई मुरव्वत नहीं है और 25 लिस्टेड माफ़ियाओं में से 24 जेल में हैं।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में मुसलिम आबादी 17-19 फ़ीसदी है लेकिन उन्हें 35-36 फ़ीसदी तक सरकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है। शर्मा ने कहा कि प्रदेश में सभी के साथ बराबरी का व्यवहार हो रहा है।
सियासी विस्तार में जुटे ओवैसी
बिहार के चुनाव में एआईएमआईएम को 5 सीटें मिलने और ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम के चुनाव में बीजेपी के पूरा जोर लगाने के बाद भी अपनी सीटें बरकरार रखने वाले ओवैसी सियासी विस्तार में जुटे हुए हैं। उनकी चाहत उत्तर प्रदेश और कुछ अन्य राज्यों में एआईएमआईएम को खड़ा करने की है।
ओवैसी लंदन से वकालत की पढ़ाई कर चुके हैं। हिंदी, उर्दू और अंग्रेजी जुबान पर उनकी अच्छी पकड़ है। राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले, तीन तलाक़, सीएए, एनआरसी के मुद्दों पर ओवैसी ने बाकी सेक्युलर दलों के नेताओं से ज़्यादा ताक़त के साथ आवाज़ उठाई है।
भागीदारी संकल्प मोर्चा
भागीदारी संकल्प मोर्चा में एआईएमआईएम और राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अलावा पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा की राष्ट्रीय जन अधिकार पार्टी, कृष्णा पटेल का अपना दल, दलित नेता चंद्रशेखर रावण की पार्टी आज़ाद समाज पार्टी सहित कुछ छोटे दल शामिल हैं। आम आदमी पार्टी और पूर्व मंत्री शिवपाल यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) को भी भागीदारी संकल्प मोर्चा से जोड़ने के लिए राजभर ने जोर लगाया हुआ है।
उत्तर प्रदेश में मुसलमानों की आबादी 17-19 फ़ीसदी है और कई सीटों पर वे निर्णायक स्थिति में हैं। ऐसे में ओवैसी को उम्मीद है कि वे यहां भागीदारी संकल्प मोर्चा के साथ मिलकर बिहार की ही तरह कुछ सीटें झटक सकते हैं।
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