बीजेपी उत्तर प्रदेश में पूरी तरह चुनावी मोड में आ चुकी है। मोदी सरकार में गृह मंत्री अमित शाह ने चुनाव की कमान अपने हाथ में ले ली है। राज्य में कई जगहों पर बड़ी रैलियां की जा रही हैं लेकिन इनमें से शनिवार को आज़मगढ़ में हुई रैली में सरकारी मशीनरी का जबरदस्त दुरुपयोग करने का मामला सामने आया है।
अमित शाह ने शनिवार को आज़मगढ़ में राज्य विश्वविद्यालय का शिलान्यास किया। आज़मगढ़ के डीएम ने शिलान्यास कार्यक्रम में भीड़ जुटाने के लिए पीडब्ल्यूडी से 40 लाख रुपये का भुगतान कराया है। हालांकि, डीएम ने पीडब्ल्यूडी के मुख्य अभियंता व अधीक्षण अभियंता को लिखे गए पत्र में ‘परिवहन’ मद के तहत यह राशि मांगी थी। स्थानीय समाचार पत्रों के मुताबिक़, आकस्मिक निधि से यह राशि दी गई है।
विपक्षी दल हमलावर
इस ख़बर के सामने आने के बाद विपक्षी दल बीजेपी पर हमलावर हो गए हैं। कांग्रेस ने कहा है, “यूपी की डबल इंजन सरकार जनता को डबल झटका दे रही है। आम जनता को गेहूं बोने के लिए खाद नहीं मिल रही है। लोग परेशान हैं और प्रदेश सरकार के पूरे संसाधन बीजेपी नेताओं की रैली में खर्च हो रहे हैं।” उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने कहा है कि यह जनता के खजाने की लूट है।
जबकि समाजवादी पार्टी ने कहा है कि जनता का विश्वास मत खो चुकी बीजेपी की रैलियों में स्वेच्छा से लोग नहीं आ रहे हैं, इसलिए सरकारी संसाधनों और सत्ता का दुरुपयोग कर भीड़ जुटाने का काम हो रहा है।
चुनावी रैलियों में सत्तारूढ़ दल सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करते रहे हैं लेकिन इस तरह का उदाहरण कभी भी कहीं भी देखने को नहीं मिला। निश्चित रूप से यह सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग और आम जनता के पैसे पर डाका है।
उत्तर प्रदेश में अगले साढ़े तीन महीने धुआंधार चुनाव प्रचार के नाम रहेंगे। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि योगी सरकार और बीजेपी आगे भी सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग अपने नेताओं की चुनावी रैलियों के लिए कर सकते हैं।
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