ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करने वाली अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में पूजा करने की अनुमति देने के स्थानीय अदालत के आदेश को इलाहाबाद हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।
स्थानीय अदालत ने बुधवार को फैसला सुनाया कि हिंदू वादियों को ज्ञानवापी मस्जिद के पहले से सील किए गए तहखाने 'व्यास तहखाना' में प्रार्थना करने की अनुमति दी जाती है। कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी साफ़ कर दिया है कि जिला प्रशासन को सात दिनों के भीतर व्यवस्था करनी होगी। इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ मस्जिद कमेटी सुप्रीम कोर्ट पहुँची थी। लेकिन शीर्ष अदालत ने मस्जिद के व्यास का तहखाना में पूजा की अनुमति देने के आदेश के खिलाफ मस्जिद समिति की याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया और याचिकाकर्ताओं को इलाहाबाद हाई कोर्ट जाने को कहा था।
इसके बाद मस्जिद कमेटी इलाहाबाद हाई कोर्ट में पहुँची। हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार गुप्ता के समक्ष इस मामले का उल्लेख वरिष्ठ अधिवक्ता एसएफए नकवी ने किया था।
अपने आदेश में जिला अदालत ने कहा है कि विश्वनाथ मंदिर के पुजारियों द्वारा पूजा-अर्चना की जा सकती है और मस्जिद के तहखाने में प्रवेश को अवरुद्ध करने वाले बैरिकेडों को हटाने की व्यवस्था की जानी चाहिए।
वाराणसी जिला प्रशासन ने 24 जनवरी को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के दक्षिणी तहखाने को अपने कब्जे में ले लिया था। प्रशासन वाराणसी जिला न्यायालय के आदेशों का पालन कर रहा था। अदालत ने 17 जनवरी को आचार्य वेद व्यास पीठ मंदिर के मुख्य पुजारी शैलेन्द्र कुमार पाठक द्वारा दायर एक मामले में वाराणसी के जिला मजिस्ट्रेट को मस्जिद के दक्षिणी तहखाने का रिसीवर नियुक्त किया था।
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