केंद्र सरकार के कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे किसानों को विपक्षी दलों का समर्थन मिल रहा है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इस सिलसिले में सोमवार को कन्नौज जा रहे थे। लेकिन पुलिस ने उन्हें लखनऊ से आगे नहीं बढ़ने दिया। इसके विरोध में एसपी कार्यकर्ता धरने पर बैठ गए। पुलिस ने अखिलेश को सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ ही हिरासत में ले लिया। अखिलेश खुद भी धरने पर बैठ गए। उन्होंने कहा कि वह फिर से कन्नौज जाने की कोशिश करेंगे।
अखिलेश को रोके जाने का एसपी कार्यकर्ताओं ने जोरदार विरोध किया। सैकड़ों की संख्या में मौजूद पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाज़ी की। उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले अखिलेश यादव सक्रियता बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। वे लगातार कई नेताओं को पार्टी में शामिल कर रहे हैं और अपने चाचा शिवपाल यादव की पार्टी के साथ गठबंधन या उसके एसपी में विलय को लेकर भी बातचीत कर रहे हैं।
एसपी की ओर से किसान यात्रा निकाली जा रही है लेकिन इसमें शामिल हो रहे पार्टी कार्यकर्ताओं को पुलिस तुरंत गिरफ़्तार कर रही है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बिजनौर में एसपी के जिलाध्यक्ष राशिद हुसैन के आवास को पुलिस ने घेर लिया। इसके अलावा किसान यात्रा में शामिल होने जा रहे राजपाल कश्यप और आशु मलिक को गिरफ्तार कर लिया गया।
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किसानों के आंदोलन पर देखिए बातचीत-
भारत बंद के लिए जुटे किसान संगठन
किसानों और सरकार के बीच कई दौर की बातचीत बेनतीजा रहने के बाद 8 दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया गया है। किसानों ने फिर कहा है कि सरकार इन कृषि क़ानूनों को तुरंत रद्द करे, वरना उनका आंदोलन बढ़ता जाएगा।
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किसानों की भारी भीड़
दिल्ली-हरियाणा की सीमा से लगने वाले टिकरी और सिंघू बॉर्डर पर किसानों का जमावड़ा बढ़ता जा रहा है। हरियाणा और पंजाब से तो किसान और खाप पंचायतें लगातार बॉर्डर पर जुट ही रही हैं, मध्य प्रदेश, राजस्थान सहित कई राज्यों से किसानों का आना जारी है। दिल्ली-यूपी के ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से बड़ी संख्या में किसान कई दिनों से धरने पर बैठे हैं। इस वजह से ख़ासा जाम लग रहा है और आम लोगों को परेशानी हो रही है।
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