उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के तारीखों का अभी ऐलान नहीं हुआ है
लेकिन अभी से नेताओं के बयान तीखे होते जा रहे हैं।
मोदी ने आज शाहजहांपुर
की रैली में योगी को उपयोगी बताया तो जवाब में रायबरेली से सपा सुप्रीमो
अखिलेश यादव ने योगी को अनुपयोगी बताया।
मोदी आज शाहजहांपुर में थे। वहां उन्होंने कहा कि
उत्तर प्रदेश के विकास के लिए योगी सरकार का रहना ज़रूरी है। उन्होंने कहा
कि आज पूरी जनता कह रही है, यूपी प्लस योगी, बहुत है उपयोगी।
अखिलेश यादव आज रायबरेली में थे। उन्होंने न सिर्फ ट्वीट से जवाब दिया, बल्कि वहां रैली में इन बातों को दोहराया।
अखिलेश ने कहा कि
हाथरस
की बेटी, लखीमपुर का किसान, गोरखपुर का व्यापारी, असुरक्षित महिला,
बेरोज़गार युवा, पीड़ित दलित-पिछड़े सब कह रहे हैं… यूपी के लिए वर्तमान
सरकार उपयोगी नहीं, अनुपयोगी है।
अखिलेश ने पूछा- यूपीवाले कह रहे हैं अगर कोई ‘उप-योगी’ है; तो ‘मुख्य-योगी’ कौन है ?
अखिलेश ने कहा कि
भाजपा
का हार का डर जितना बढ़ता जायेगा, विपक्षियों पर छापों का दौर भी उतना
बढ़ता जाएगा। फिर भी सपा का रथ व हर कार्यक्रम बदस्तूर चलता जाएगा।
अब तो जनता पूरी तरह भाजपा के ख़िलाफ़ विपक्ष के साथ खड़ी है, अब क्या बाइस
(2022) के लिए भाजपा सरकार उप्र की बाइस करोड़ जनता के यहाँ छापे डालेगी ?
सपा अध्यक्ष ने कहा कि
समाज
में सबके भले के लिए कार्य करना, भेदभावहीन समानता एवं साम्य के लिए
निरंतर प्रयासरत रहना ये वो मूल सिद्धांत हैं जो रामराज्य व समाजवाद में
पाये जाते हैं। रामराज्य का पर्याय ही समाजवाद है।
रामराज्य में अभयत्व की स्थापना की जाती है, पीछे से वार नहीं किया जाता
है।
सपा बनाम भाजपा
यूपी चुनाव में भाजपा का
मोर्चा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संभाला हुआ है तो सपा का मोर्चा
अखिलेश यादव ने ही संभाला हुआ है। मोदी अभी तक अखिलेश और सपा का नाम लिए
बिना उन पर कई हमले कर चुके हैं। इसका फायदा सपा को यह मिल रहा है कि उसे
भाजपा से सीधी लड़ाई में आने के लिए खुद से नहीं आना पड़ा।
सपा सुप्रीमो की रैलियों में भीड़ उमड़ रही है। इससे अखिलेश काफी उत्साहित लग रहे हैं।
अखिलेश अभी तक जब-तब कांग्रेस को भी निशाना बनाते रहे हैं लेकिन अब
उन्होंने भाजपा को सीधे निशाना बनाना शुरू कर दिया है।
रायबरेली की रैलियों
में उन्होंने समाजवाद का पर्याय ही रामराज्य को बता डाला। यह मोदी और
भाजपा के बहुप्रचारित अयोध्या, काशी का जवाब है।
भाजपा
भी यही चाहती है कि सभी दल उसके हिन्दुत्व के एजेंडे पर ही चुनाव लड़ें।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी तो पूरी तरह भाजपा की ही पिच पर खेल रहे हैं
लेकिन अखिलेश हिन्दुत्व वगैरह का अप्रत्यक्ष जिक्र अभी कम कर रहे हैं। वे
विकास को ही अपने भाषण का आधार बनाते हैं।
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