प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को गोरखपुर पहुंचे और तीन बड़ी परियोजनाओं का लोकार्पण किया। इसमें एम्स अस्पताल, खाद कारखाना और रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर शामिल हैं। इन तीनों परियोजनाओं की लागत 9600 करोड़ है। बीजेपी ने पूर्वांचल में बहुत जोर लगाया हुआ है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसान आंदोलन के असर और सपा-रालोद के गठबंधन के चलते वहां उसे पिछली बार की जैसी कामयाबी मिल पाएगी, इसमें संदेह है। इसलिए बीते कुछ दिनों में भाजपा के तमाम बड़े नेता पूर्वांचल में हुंकार भर चुके हैं।
दूसरी ओर, सपा और रालोद ने मेरठ में पहली संयुक्त रैली की। इससे साफ हो गया है कि दोनों दल चुनाव मैदान में जोर-शोर से उतरेंगे।
साफ है कि उत्तर प्रदेश में चुनावी मैदान सज चुका है। अखिलेश यादव और शिवपाल सिंह यादव यात्राएं निकाल रहे हैं जबकि बसपा ब्राह्मण सम्मेलनों और कांग्रेस प्रतिज्ञा यात्राओं के जरिये जनता के बीच पहुंच चुकी है। इसके अलावा एआईएमआईएम प्रमुख असदउद्दीन ओवैसी भी लगातार चुनावी रैलियां कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश का चुनाव कितना अहम है, यह बताने की ज़रूरत नहीं है। इस चुनाव के नतीजे 2024 के आम चुनाव पर सीधा असर डालेंगे। इसलिए बीजेपी ने सत्ता में वापसी के लिए और बाक़ी दलों ने बीजेपी को रोकने के लिए पूरा जोर लगा दिया है।
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