केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी (टेनी महाराज) के जिले लखीमपुर खीरी की आठ विधानसभा सीटों पर चौथे चरण में 23 फरवरी को मतदान है। पिछली बार यहां आठों सीटें भारतीय जनता पार्टी ने जीती थीं। इस बार तस्वीर बदली हुई है। तमाम कारक हैं, तमाम इश्यू हैं और अंदर-बाहर के बदले हुए समीकरण हैं।
ऊपर से तिकोनिया की घटना जहां 3 अक्टूबर को टेनी महाराज के पुत्र आशीष मिश्रा ने धरना देने के लिए एकत्र हुए किसानों पर अपनी गाड़ी चढ़ा दी और इसमें 4 किसानों व एक पत्रकार की मौत हो गई थी। घटना से आक्रोशित किसानों ने एक जीप में सवार तीन लोगों को मार दिया था। इस मामले गिरफ्तार हुए आशीष मिश्रा को बीती 10 फरवरी को जमानत मिल गई और वे रिहा हो गए।
तिकोनिया कांड के राजनीतिक असर का अंदाजा तीन बातों से लगाया जा सकता है -
1- केंद्रीय गृह राज्यमंत्री व उनके पुत्र को न सिर्फ चुनाव प्रचार से दूर रहने बल्कि लोगों के बीच भी न जाने के निर्देश बीजेपी नेतृत्व ने दे रखे हैं। इन दोनों लोगों ने खुद को लखीमपुर स्थिति अपने घर में ही सीमित कर रखा है। रविवार 20 फरवरी को स्थानीय अखबारों में खबर छपी कि टेनी महाराज शाम को लखीमपुर नगर भ्रमण के पार्टी कार्यक्रम में शामिल होंगे। लेकिन शाम चार बजे शुरू हुए नगर भ्रमण कार्यक्रम में कहीं भी न वे दिखाई दिए और न उनके पुत्र।
2- 20 फरवरी को प्रधानमंत्री की लखीमपुर में सभा होनी थी लेकिन बिना कोई कारण बताए स्थगित कर दी गई। लखीमपुर के जानकार लोगों का कहना है कि यदि प्रधानमंत्री की सभा होती तो वहां किसानों का विरोध प्रदर्शन हो सकता था। खुफिया एजेंसियों से मिली इस जानकारी के बाद लखीमपुर का कार्यक्रम चुपचाप निरस्त कर दिया गया। कहा गया कि अब सिर्फ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सभा संबोधित करेंगे। 20 फरवरी को जिले में उनके पांच कार्यक्रम हुए जिसमें से आखिरी सभा लखीमपुर शहर में होनी थी। उसमें भी बदलाव कर दिया गया और मुख्यमंत्री की अंतिम सभा लखीमपुर शहर की जगह पड़ोस के एक छोटे से कस्बे फरधान में हुई।
3- बीजेपी का कोई प्रत्याशी नहीं चाहता है कि टेनी महाराज के साथ उसका नाम किसी भी तरह जुड़े और सबने उनसे विशिष्ट दूरी बना रखी है।
बीजेपी समर्थक उम्मीद लगाए बैठे हैं लाभार्थियों से और श्री राम से। उनका कहना है कि दलित समाज बीजेपी के साथ है। लखीमपुर जिले में 25 फीसदी से ज्यादा दलित मतदाता हैं। इसके अलावा कुछ सीटों पर बसपा के वोटकटुआ उम्मीदवारों की बात भी वे अपने पक्ष में ऱखते हैं।
अलीगंज कस्बे के रहने वाले नौजवान अनंत वर्मा ने कहा कि लोग राम मंदिर को एक बड़ी उपलब्धि के तौर पर देख रहे हैं, योगी जी का जबरदस्त प्रभाव है और तिकोनिया की अप्रिय घटना का फायदा यह हुआ कि ब्राह्मण समाज पूरा बीजेपी के साथ। ब्राह्मण संख्या के लिहाज से लखीमपुर जिले में चौथा बड़ा समुदाय है। अनंत यह बात भी कहते हैं कि पिछली बार जैसा जीत का बड़ा मार्जिन नहीं रहेगा। फैसला दो-चार हजार वोटों से होगा।
दूसरी तरफ, लखीमपुर, गोला, पलिया व निघासन विधानसभा क्षेत्रों के लोगों से बातचीत में कानून-व्यवस्था, छुट्टा पशुओं का मुद्दा, गन्ना भुगतान और महंगाई-बेरोजारी के मुद्दे असर डालते हुए नजर आए। गोला नगर में बातचीत के दौरान सपा समर्थक मुकुंद पांडेय कहा कि दिन में मेहरुआ बचाओ और रात में गोरुओं से फसल, लोगों का ये हाल हो गया है। मुकुंद पांडेय 2017 में बसपा के समर्थक थे लेकिन इस बार बीजेपी को हटाने की क्षमता को देखते हुए सपा के साथ आ गये।
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