एक ओर जहाँ उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में पानी की कमी से आम जनता बेहद परेशान है, वहीं वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रोड शो से एक दिन पहले एक लाख 40 हज़ार लीटर पीने का पानी सड़कों को धोने के लिए बहा दिया गया। यह ख़बर उन सभी को झकझोरने वाली है जिनकी सुबह पानी के लिए सार्वजनिक नलों पर लंबी लाइनों में खड़े होने से होती है और फिर पूरा दिन और शाम से लेकर रात तक वे और उनके परिवार के लोग पानी के लिए जूझते रहते हैं।
‘द टेलीग्राफ़’ की एक ख़बर के मुताबिक़, इस बारे में स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि उन्हें शीर्ष स्तर से आदेश दिए गए थे कि प्रधानमंत्री के रोड शो के लिए सड़कों को पानी से धोया जाए।
खबर के मुताबिक़, सड़कों को धोने के लिए वाराणसी नगर निगम के 40 पानी के टैंकरों का इस्तेमाल किया गया और प्रशासन ने क़रीब 400 मज़दूरों को इस काम में लगाया था।
नगर निगम की ही एक रिपोर्ट से पता चलता है कि वाराणसी संसदीय क्षेत्र में केवल 70 फ़ीसदी आबादी को ही पाइप लाइन से पानी मिलता है बची 30 फ़ीसदी जनता अब भी पीने के पानी के लिए बोरवेल पर निर्भर है।
वाराणसी के बाद आते हैं बुंदेलखंड पर। बुंदेलखंड में पानी की भयंकर समस्या है। लेकिन बुंदेलखंड के बाँदा में भी प्रधानमंत्री मोदी के रोड शो के लिए सड़कों को इसी तरह पानी से धोकर साफ़ किया गया था।
इसे लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट भी किया था। प्रियंका ने कहा था, ‘जब पूरा बुंदलेखंड, वहाँ के लोग, बच्चे, फ़सलें और पशु-पक्षी भयंकर सूखे का आतंक झेल रहे हैं तो हमारे प्रधान प्रचारमंत्री के स्वागत में पीने का पानी टैंकरों से बाँदा की सड़कों पर उड़ेला जा रहा है। यह चौकीदार हैं या दिल्ली से पधारे कोई शहंशाह?’
बुंदेलखंड का कोई भी ऐसा इलाक़ा नहीं है, जहाँ पानी के लिए हाहाकार न मचा हो। महिलाएँ, बच्चे और पुरुष, सभी सुबह से रात तक बस पानी भरने के लिए संघर्ष करते रहते हैं। बुंदेलखंड में एक-एक बूंद पानी के लिए लोगों को कड़ा संघर्ष करना पड़ रहा है। ऐसी जगह पर जहाँ पानी को लेकर हालात इतने भयावह हों, वहाँ प्रधानमंत्री मोदी के रोड शो के लिए बाँदा और बनारस में सड़कों को पानी से धोकर चमकाया जाना कहाँ तक सही है, इसका जवाब या तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ख़ुद दें या उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ। लेकिन यह तय है कि वे कोई जवाब नहीं देंगे।
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