पैगंबर मुहम्मद साहब पर कथित अपमानजनक टिप्पणियों के लिए गिरफ़्तार किए गए तेलंगाना के बीजेपी विधायक टी राजा सिंह को कुछ घंटे बाद ही जमानत मिल गई। अदालत ने रिमांड के लिए पुलिस के अनुरोध को खारिज करने के बाद टी राजा सिंह को रिहा कर दिया गया। एक रिपोर्ट के अनुसार हालाँकि बीजेपी ने उन्हें निलंबित कर दिया है, लेकिन पार्टी कार्यालय में उनका हीरो की तरह स्वागत किया गया।
टी. राजा सिंह की विवादित टिप्पणी के विरोध में मुसलिम समुदाय के लोग हैदराबाद में सड़कों पर उतर आए और उन्होंने विधायक को तुरंत गिरफ्तार किए जाने की मांग की थी। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए विधायक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की और उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया था।
बता दें कि इससे पहले बीजेपी के निलंबित नेताओं नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल के द्वारा पैगंबर पर की गई टिप्पणियों को लेकर देशभर में अच्छा खासा विवाद हो चुका है।
टी. राजा सिंह का एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें वह पैगंबर पर अपमानजनक टिप्पणी करते हुए नजर आ रहे हैं। वीडियो के सामने आने के बाद मुसलिम समुदाय के लोगों ने हैदराबाद के पुलिस कमिश्नर के दफ्तर के बाहर सोमवार रात को जमकर प्रदर्शन किया।
मुसलिम समुदाय के लोगों ने राजा सिंह मुर्दाबाद और सिर तन से जुदा सहित कई नारे लगाए। इस दौरान बड़ी संख्या में युवा सहित धार्मिक नेता भी वहां मौजूद रहे। सोशल मीडिया पर भी मुसलिम समुदाय के कई लोगों ने तेलंगाना सरकार से और हैदराबाद के पुलिस कमिश्नर से जल्द से जल्द राजा सिंह को गिरफ्तार करने की मांग की थी।
कांग्रेस नेता राशिद खान ने नामपल्ली पुलिस थाने में बीजेपी विधायक राजा सिंह के खिलाफ शिकायत दी थी।
राजा सिंह का बयान
राजा सिंह ने पूछा है कि उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज क्यों नहीं होती जिन्होंने हिंदू देवी-देवताओं पर का मजाक बनाया। क्या राम हमारे राम नहीं हैं या सीता हमारी सीता माता नहीं हैं। उन्होंने कहा कि तेलंगाना में भगवान राम और सीता के भक्त पूछ रहे हैं कि जिसने हमारे राम के खिलाफ अभद्र बातें कहीं, उसे सुरक्षा क्यों दी गई है ऐसी सुरक्षा तो प्रधानमंत्री को भी नहीं दी जाती। राजा सिंह कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी के बारे में बात कर रहे थे।
देश भर में हुए थे प्रदर्शन
बताना होगा कि नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल के द्वारा पैगंबर पर विवादित टिप्पणी के चलते देश भर के कई इलाकों में जोरदार प्रदर्शन हुए थे। नूपुर शर्मा के बयान का समर्थन करने के चलते ही उदयपुर में कन्हैया लाल दर्जी जबकि महाराष्ट्र के अमरावती में उमेश कोल्हे की हत्या कर दी गई थी।
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