तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव यानी केसीआर दशहरे पर अपने राष्ट्रीय राजनीतिक दल की घोषणा करने जा रहे हैं। केसीआर 5 अक्टूबर को दिन में 1:19 पर इसका एलान करेंगे। इसके लिए केसीआर ने पूरी तैयारी कर ली है और बताया जा रहा है कि उनकी पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति का नाम भी बदला जा सकता है।
केसीआर लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते रहे हैं। वह कह चुके हैं कि मोदी सरकार को जाना चाहिए और एक गैर बीजेपी सरकार को केंद्र की सत्ता में आना चाहिए।
द इकनॉमिक टाइम्स के मुताबिक, टीआरएस अब केसीआर सरकार के द्वारा तेलंगाना में चलाई जा रही योजनाओं को देश भर के लोगों के सामने रखेगी। इन योजनाओं में रायथु बंधु और दलित बंधु योजना भी शामिल है। रायथु बंधु का शाब्दिक अर्थ है 'किसान का मित्र'। इस योजना के दो उद्देश्य हैं। पहला, किसानों को शुरुआती निवेश की जरूरतों के लिए समय पर नकद धनराशि देना, दूसरा, यह सुनिश्चित करना कि किसान कर्ज के जाल में न फंसें। तेलंगाना में लाखों किसानों को इस योजना से लाभ मिला है।
दलित बंधु योजना के तहत हर दलित परिवार को किसी भी व्यवसाय या व्यापार को शुरू करने के लिए 10 लाख रुपए की मदद राज्य सरकार के द्वारा दी जाती है। इन योजनाओं को सामने रखकर टीआरएस यह सवाल पूछेगी कि आखिर इस तरह के कदम देशभर में क्यों नहीं लागू किए जा सकते।
द इकनॉमिक टाइम्स के मुताबिक, टीआरएस इस सवाल को भी सामने रखेगी कि आजादी के 75 साल बाद भी देशभर के गांवों को बिजली क्यों नहीं उपलब्ध कराई जा सकी है और गरीबों के लिए चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं को फ्रीबीज क्यों कहा जा रहा है। बताना होगा कि फ्रीबीज को लेकर आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच अच्छा-खासा सियासी घमासान हो चुका है और सुप्रीम कोर्ट में भी इस मामले में लंबी चौड़ी बहस हो चुकी है।
बीजेपी से है लड़ाई
सितंबर की शुरुआत में ही टीआरएस की ओर से यह कहा गया था कि बहुत जल्द एक राष्ट्रीय राजनीतिक दल और इसकी नीतियों के बारे में एलान किया जाएगा। पिछले महीने केसीआर ने ऐलान किया था कि 2024 के लोकसभा चुनाव में केंद्र की सत्ता में गैर बीजेपी सरकार आती है तो देशभर के किसानों को मुफ्त बिजली दी जाएगी।
नेताओं से की थी मुलाकात
केसीआर ने पिछले महीने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की थी। केसीआर ने इस साल की शुरुआत में भी 3 दिन तक दिल्ली में रुक कर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, किसान नेता राकेश टिकैत से मुलाकात की थी। उससे पहले वह महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मिले थे।
केसीआर के बारे में यह लंबे वक्त से कहा जा रहा है कि वह मुख्यमंत्री की कुर्सी अपने बेटे के. तारक रामाराव को सौंपकर राष्ट्रीय राजनीति में आना चाहते हैं। उनकी कोशिश 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले एक अलग सियासी मोर्चा बनाने की है और इसके लिए वह तमाम विपक्षी दलों को एक मंच पर लाकर फेडरल फ्रंट बनाना चाहते हैं।
आने वाले दिनों में केसीआर देश भर के तमाम बुद्धिजीवियों, सामाजिक संगठनों और वाम दलों के नेताओं से मुलाकात कर उन्हें जोड़ने की कोशिश करेंगे।
अपनी राय बतायें