loader
रुझान / नतीजे चुनाव 2024

झारखंड 81 / 81

इंडिया गठबंधन
51
एनडीए
29
अन्य
1

महाराष्ट्र 288 / 288

महायुति
222
एमवीए
54
अन्य
12

चुनाव में दिग्गज

गीता कोड़ा
बीजेपी - जगन्नाथपुर

पीछे

हेमंत सोरेन
जेएमएम - बरहेट

आगे

फोटो साभार: ट्विटर/एसएफआई एचसीयू

हैदराबाद विश्वविद्यालय में बीबीसी डॉक्यूमेंट्री बनाम 'द कश्मीर फाइल्स'!

हैदराबाद विश्वविद्यालय यानी यूओएच में प्रधानमंत्री मोदी पर बीबीसी डॉक्यूमेंट्री को दिखाने पर अजीबोगरीब विरोध का मामला आया है। स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ़ इंडिया यानी एसएफ़आई ने बीबीसी की विवादास्पद डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की तो आरएसएस की छात्र इकाई एबीवीपी ने परिसर में विवादास्पद फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' दिखाई।

बीबीसी की 'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' नामक दो-भाग की श्रृंखला में डॉक्यूमेंट्री आयी है। बीबीसी ने इस सीरीज के डिस्क्रिप्शन में कहा है कि 'भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत के मुस्लिम अल्पसंख्यक के बीच तनाव को देखते हुए 2002 के दंगों में उनकी भूमिका के बारे में दावों की जांच कर रहा है, जिसमें एक हजार से अधिक लोग मारे गए थे।'

ताज़ा ख़बरें

जब इस डॉक्यूमेंट्री की ख़बर मीडिया में आई तो भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी किया। सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और 2002 के गुजरात दंगों पर बीबीसी श्रृंखला की कड़ी निंदा की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि 'झूठे नैरेटिव को आगे बढ़ाने के लिए प्रोपेगेंडा डिजाइन किया गया'।

केंद्र सरकार ने भारत में इसे झूठा और प्रोपेगेंडा कहकर प्रतिबंधित कर दिया है।

इसके बाद तो बीबीसी की यह डॉक्यूमेंट्री भारत में बहस का मुद्दा बन गई है। प्रतिबंध के बावजूद विपक्षी दलों के नेता इस डॉक्यूमेंट्री का लिंक सोशल मीडिया पर साझा कर रहे हैं तो छात्र संगठन विश्वविद्यालयों में इसकी स्क्रीनिंग कर रहे हैं।

हैदराबाद विश्वविद्यालय कैंपस में छात्रों के एक समूह, फ्रेटरनिटी मूवमेंट ने 21 जनवरी को यूनिवर्सिटी कैंपस में बिना अनुमति के बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग का आयोजन किया था। इसके बाद यूनिवर्सिटी के अधिकारियों को रिपोर्ट मांगने के लिए मजबूर होना पड़ा।

अब एसएफआई ने विश्वविद्यालय परिसर में इसकी स्क्रीनिंग की। एसएफआई एचसीयू ने तसवीरों को सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा, 'एसएफआई सीईसी के आह्वान के बाद गणतंत्र दिवस पर एसएफआई एचसीयू द्वारा आयोजित डॉक्यूमेंट्री 'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' की सफल स्क्रीनिंग की झलकियां। स्क्रीनिंग के लिए 400 से अधिक छात्र आए, जिन्होंने एबीवीपी के झूठे प्रचार और उसके प्रयासों को खारिज कर दिया।'

इसके विरोध में एबीवीपी एचसीयू के छात्रों ने गुरुवार को विश्वविद्यालय परिसर में 'द कश्मीर फाइल्स' की स्क्रीनिंग का आयोजन किया।

विवेक अग्निहोत्री द्वारा लिखित और निर्देशित, बॉलीवुड फिल्म पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों द्वारा समुदाय के लोगों की हत्याओं के बाद कश्मीर से कश्मीरी हिंदुओं के पलायन को दर्शाती है।

बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी पर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर प्रतिबंध लगे होने के बावजूद गुरुवार रात को केरल कांग्रेस ने इस फ़िल्म की स्क्रीनिंग की। वह भी तब जब राज्य में कांग्रेस पार्टी के एक वरिष्ठ नेता एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी इसी मुद्दे को लेकर पार्टी छोड़ चुके हैं।

तेलंगाना से और ख़बरें
इस पर राजनीतिक गहमागहमी के बीच ही केरल में कांग्रेस की इकाई ने भी गुरुवार को तिरुवनंतपुरम में बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री दिखाई। राज्य में भले ही सत्ता और विपक्ष इस मुद्दे पर एकराय दिख रहे हों, लेकिन विपक्षी दल कांग्रेस में ही एकराय नहीं है। केरल में दिग्गज नेता एके एंटनी के बेटे अनिल के एंटनी ने हाल ही में बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री के मुद्दे पर पार्टी छोड़ दी है। उन्होंने बुधवार को ट्विटर पर लिखा, 'मैंने राष्ट्रीय कांग्रेस और केरल कांग्रेस में अपनी भूमिकाओं से इस्तीफा दे दिया है। उन लोगों द्वारा एक ट्वीट को वापस लेने की असहिष्णु कॉल, जो बोलने की आज़ादी के लिए लड़ते हैं। मैंने मना कर दिया। प्यार फैलाने का समर्थन करने वालों द्वारा फेसबुक वाल पर नफरत/अपशब्दों को बढ़ावा! इसे पाखंड कहते हैं! ज़िंदगी आगे बढ़ेगी। नीचे इस्तीफा पत्र है।'
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

तेलंगाना से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें