कोरोना वायरस के फैलने के बाद पूरे देश में लॉकडाउन के बीच लोगों में अपने राज्य और घर लौटने के लिए अफरा-तफरी का माहौल है। वाहन बंद हैं तो लोग पैदल ही घरों की ओर निकल रहे हैं। लेकिन राज्यों की सीमाएँ सील होने और पुलिस परमिशन ज़रूरी होने से कई जगहों पर व्यवस्था बिगड़ती भी दिख रही है। तेलंगाना में भी गुरुवार को ऐसी ही स्थिति बन गई। हैदराबाद में सैकड़ों लोग पुलिस स्टेशनों के बाहर उस पास के लिए लाइनों में लग गए जिससे वे अपने घर जा सकें। लाइनें ऐसी लगी कि 'सोशल डिस्टेंसिंग' के नियम का पालन नहीं हो पाया। ठीक उसी तरह से जैसे सब्जी और राशन की दुकानों पर लाइनें लगी हैं।
लॉकडाउन के फ़ैसले के बाद देश भर के शहरों से ऐसी तसवीरें आ रही हैं कि ग़रीब-मज़दूर पैदल ही अपने घरों की ओर निकल पड़े हैं। अधिकतर लोगों का कहना है कि क्योंकि काम बंद हो गया है तो हर रोज़ दिहाड़ी कर कमाने वाला कहाँ से खाना खाएगा? दिल्ली-एनसीआर से पैदल उत्तर प्रदेश में अपने घर की ओर जा रहे लोगों ने तो कहा कि 'भूखे मरने से तो अच्छा है कि पैदल चलकर घर पहुँचने की कोशिश की जाए'।
ऐसी ही रिपोर्टें गुजरात के शहरों से हैं जहाँ से राजस्थान के हज़ारों लोग पैदल ही अपने घर के निकल गए हैं। उनको कोरोना के साथ-साथ भूखे रहने की नौबत आने का संकट दिख रहा है।
ऐसा ही संकट हैदराबाद में रह रहे आंध्र प्रदेश के लोगों को भी है। हालाँकि पुलिस स्टेशनों पर जो लाइनें लगी हैं उसमें अधिकतर छात्र दिखते हैं। उस क्षेत्र में हैदराबाद शिक्षा का केंद्र है और आसपास के राज्यों के अलावा देश के दूसरे हिस्से से भी छात्र वहाँ काफ़ी संख्या में पढ़ने जाते हैं। क्योंकि छात्रों की पढ़ाई बंद हो गई है और खाना खाने का संकट है इसलिए वे अपने घर की ओर रुख कर रहे हैं। इसी कारण पास के लिए लोगों की लाइनें लगीं। इस ख़बर पर आंध्र प्रदेश की पुलिस ने कहा कि उन्हें पहले से यह पता नहीं था कि तेलंगाना पास जारी कर रहा है।
ऐसी ही स्थिति तेलंगाना-आंध्र बॉर्डर पर बनी। घंटों तक वाहन फँसे रहे क्योंकि उन्हें हैदराबाद में जाने की इजाज़त नहीं दी गई।
अपने घर जाने के लिए लाइन में लगे एक छात्र ने 'एनडीटीवी' से कहा, 'कई दिनों से हमारे पास और कोई चारा नहीं बचा है क्योंकि हॉस्टलों को बंद किया जा रहा है और खाने की चुनौती सामने आ रही है। खाना पकाने वाले भी नहीं आ रहे हैं।'
रिपोर्ट के अनुसार आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीवी रमेश ने कहा, 'जब प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी को वहीं रहना चाहिए जहाँ वे हैं तो तेलंगाना के अधिकारियों ने इजाज़त कैसे दी और पास क्यों जारी किए?'
अपनी राय बतायें