प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए साल की शुरुआत के साथ ही बार-बार दक्षिण भारत का दौरा कर रहे हैं। इस महीने में अब तक वह तीन बार दक्षिण भारत का दौरा कर चुके हैं। अपने दौरों में वह दक्षिण भारत के प्रमुख मंदिरों में जा रहे हैं। आम लोगों से मिल रहे हैं। रोड शो कर रहे हैं। माना जा रहा है कि उनके ये दौरे भाजपा के मिशन साउथ का हिस्सा है।
शुक्रवार से पीएम मोदी अपने तीन दिवसीय तमिलनाडु दौरे पर हैं। शुक्रवार को चेन्नई में उन्होंने रोड शो किया था। शनिवार को तमिलनाडु के दो मंदिरों में उन्होंने पूजा अर्चना की है। वह पहले तिरुचिरापल्ली के श्रीरंगम में श्री रंगनाथस्वामी मंदिर में भगवान के दर्शन के लिए गए।
इसके बाद उन्होंने रामेश्वरम में रोड शो किया फिर श्री अरुलमिगु रामनाथस्वामी मंदिर गए। यहां पीएम मोदी ने भगवान का दर्शन कर रामायण पाठ में हिस्सा लिया फिर भजन संध्या में भी शामिल हुए। 21 जनवरी सुबह 9.30 बजे पीएम मोदी अरिचल मुनई में दर्शन और पूजा करेंगे और सुबह 10.30 बजे कोतांडरम स्वामी मंदिर में दर्शन और पूजा करेंगे।
22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह होना है। पीएम मोदी इससे उन मंदिरों का दर्शन कर रहे हैं जिनका जिक्र रामायण में किया गया है।
कहने को तो दक्षिण भारत के मंदिरों में पीएम का दौरा उनकी निजी आस्था से जुड़ा है लेकिन राजनैतिक विश्लेषक इसे राजनीति से जोड़ कर देख रहे हैं। माना जा रहा है कि पीएम का हाल के दिनों में बार-बार हो रहा दक्षिण भारत का दौरा आगामी लोकसभा चुनाव से जुड़ा है।
राजनैतिक विश्लेषकों का कहना है कि भाजपा उत्तर भारत में तो काफी लोकप्रिय हो चुकी है लेकिन दक्षिण भारत में वह अब भी काफी कमजोर है। दक्षिण के राज्यों में उसकी सरकार लाख कोशिशों के बाद भी नहीं बन पा रही है। लोकसभा चुनावों में भी उसे दक्षिण से काफी कम सीटें मिलती हैं।
लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा गठबंधन को दक्षिण भारत की 134 सीटों में से मात्र 31 सीटों पर ही विजयी मिली थी। वहीं कांग्रेस को दक्षिण भारत से सबसे ज्यादा सीटों मिली थी। उसे दक्षिण से 65 सीटें मिली थी वहीं 36 सीटों पर अन्य दलों को जीत मिली थी।
वहीं कांग्रेस का उत्तर भारत से लगभग सफाया हो चुका है लेकिन दक्षिण में वह अब भी मजबूत है। तेलंगाना और कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार है। केरल में वह मुख्य विपक्षी दल है। आंध्र प्रदेश में भी कांग्रेस तेजी से मजबूत हो रही है। वहीं तमिलनाडु में भाजपा बेहद कमजोर है।
ऐसे में पीएम मोदी दक्षिण भारत के राज्यों का हाल के दिनों में बार-बार दौरा कर के भाजपा के लिए जमीन तैयार करने की कोशिश कर रहे हैं।
पीएम मोदी इन दिनों दक्षिण भारत पर विशेष ध्यान इसलिए भी दे रहे हैं कि इस बार भाजपा ने लोकसभा चुनाव 2024 में 400 सीटों को जीतने का लक्ष्य रखा है। भाजपा का 400 सीटों का लक्ष्य तभी पूरा हो सकता है जब उसे उत्तर भारत के साथ ही दक्षिण भारत में भी बड़ी जीत मिले। ऐसे में भाजपा और पीएम मोदी हर हाल में दक्षिण भारत में विजय हासिल करना चाहते हैं।
दक्षिण भारत इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि माना जा रहा है कि उत्तर भारत में भाजपा अपना सर्वश्रेष्ट प्रदर्शन कर चुकी है। अब उत्तर में भाजपा पहले से ज्यादा सीटें लाएगी इसकी उम्मीद नहीं दिखती है। अब भाजपा उत्तर में सिकुड़ सकती है। ऐसे में 400 सीटों के लक्ष्य को तभी पाया जा सकता है जब दक्षिण में भाजपा बड़ी जीत हासिल कर लेगी। यही कारण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2024 की शुरुआत से ही दक्षिण भारत के राज्यों पर अपना मुख्य फोकस रखे हुए हैं। वह लगातार दक्षिणी राज्यों में विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन कर रहे हैं, शिलान्यास कर रहे हैं। साथ ही साथ दक्षिण भारत के विभिन्न मंदिरों में जाकर पूजा-अर्चना कर रहे हैं।
16 और 17 जनवरी को आंध्र और केरल का किया था दौरा
पीएम मोदी ने इससे पहले 16 और 17 जनवरी को आंध्र प्रदेश और केरल का दौरा किया था। 16 जनवरी को वह आंध्रप्रदेश में थे। यहां उन्होंने लेपाक्षी पहुंचकर 486 साल पुराने वीरभद्र मंदिर में पूजा-अर्चना की थी। इस मंदिर केपरिसर में बैठकर उन्होंने राम भजन भी किया था। रंगनाथ रामायण पर आधारित कठपुतलियों के जरिए प्रदर्शित रामकथा भी प्रधानमंत्री ने देखी थी।इसके बाद, वह सत्यसाई जिले के पलासमुद्रम पहुंचे थे जहां उन्होंने नेशनल एकेडमी ऑफ कस्टम, इनडायरेक्ट टैक्स एंड नार्कोटिक्स इंस्टीट्यूट या एनएसीआईएल का उद्घाटन किया था।
17 जनवरी की सुबह पीएम मोदी ने केरल के गुरुवायूर मंदिर और त्रिप्रयार श्रीराम मंदिर में पूजा-अर्चना की थी। इसी दिन दोपहर में उन्होंने कोच्चि में कोचीन शिपयार्ड से जुड़े 4000 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन किया था। फिर इस दिन पीएम मोदी ने एर्नाकुलम में भाजपा के शक्ति केंद्र प्रभारियों के सम्मेलन को संबोधित किया था। यहां उन्होंने सत्तारूढ़ दल और विपक्षी दल दोनों पर जोरदार हमला किया था।
उन्होंने पिछले 14 जनवरी को दिल्ली में केंद्रीय मंत्री मुरुगल के यहां पोंगल त्योहार मनाया था। इस बार पीएम मोदी ने क्रिसमस केरल के लोगों के बीच मनाया था।
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