loader

SC ने चेताया था- 'विधेयक रोक आग से न खेलें', तमिलनाडु गवर्नर ने 10 बिल लौटाए

विपक्ष शासित राज्य सरकारों द्वारा राज्यपालों पर काम में अड़ंगा लगाए जाने के आरोपों के बीच तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने 10 विधेयक लौटा दिए हैं। ये विधेयक उनकी सहमति के लिए उनके पास लंबित थे। ये विधानसभा में पास हो गए थे।

राज्यपाल के पास कुल 12 विधेयक लंबित थे, जिनमें से उन्होंने 10 वापस कर दिए हैं। विधानसभा में लौटाए गए अधिकांश विधेयक राज्य विश्वविद्यालयों से संबंधित थे। इसलिए राज्य सरकार ने विधेयकों को एक बार फिर से पेश करने और पारित करने के लिए शनिवार को तमिलनाडु विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का फैसला किया। विधानसभा अध्यक्ष एम अप्पावु ने इस सत्र को बुलाया है।

ताज़ा ख़बरें

राज्यपाल द्वारा विधेयक लौटाए जाने का यह मामला तब सामने आया है जब क़रीब एक हफ़्ते पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे राज्यपालों को फटकार लगाई है जो विधेयकों को रोके बैठे हैं। सुप्रीम कोर्ट विधेयकों को मंजूरी देने में राज्यपाल आरएन रवि द्वारा की गई देरी पर तमिलनाडु सरकार द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा है।

तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर राज्यपाल पर राज्य विधानसभा द्वारा पारित विधेयकों को मंजूरी नहीं देने का आरोप लगाया। सरकार का कहना है कि इससे राज्य में संवैधानिक गतिरोध की स्थिति पैदा हो गई है। याचिका में कहा गया है कि संवैधानिक कार्यों पर कार्रवाई न करके राज्यपाल नागरिकों के जनादेश के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। याचिका में कहा गया कि विधानसभा में पारित 12 विधेयक राज्यपाल आरएन रवि के कार्यालय में लंबित हैं। राज्यपाल विधानसभा से पारित विधेयकों पर हस्ताक्षर नहीं कर रहे हैं। 

पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि यह गंभीर चिंता का विषय है कि राज्यपाल सरकार द्वारा उन्हें भेजे गए विभिन्न विधेयकों, अभियोजन मंजूरी और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेजों को दबाए बैठे हैं।
पंजाब सरकार ने भी ऐसी ही शिकायतें की है। पिछले शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई में पंजाब सरकार द्वारा बुलाए गये विधानसभा सत्र को राज्यपाल द्वारा अवैध बताने और सदन द्वारा पारित विधेयकों को मंजूरी नहीं देने के मामले में नाराज़गी जताई।
सुनवाई के दौरान सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ सिंह ने राज्यापाल के वकील से पूछा था कि आप किस शक्ति का प्रयोग करते हुए कह रहे हैं कि स्पीकर द्वारा बुलाया गया सत्र अवैध तरीके से बुलाया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि पंजाब में जो हो रहा है, हम उससे खुश नहीं हैं, यह गंभीर चिंता का विषय है। 
तमिलनाडु से और ख़बरें

सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के राज्यपाल द्वारा विधानसभा से पारित विधेयकों को रोके जाने पर नाखुशी जाहिर करते हुए कहा था कि, 'आप आग से खेल रहे हैं। हमारा देश स्थापित परंपराओं पर चल रहा है और उनका पालन किया जाना चाहिए।' इस टिप्पणी से माना गया कि सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के राज्यपाल पर यह सख्त टिप्पणी कर अन्य राज्यों के राज्यपालों को भी संदेश दिया है कि वे अपनी सीमाओं से आगे न बढ़ें। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

तमिलनाडु से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें