चिदंबरम में थिल्लई काली मंदिर की महिला कार्यकारी अधिकारी सरन्या ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि उन्हें 24 जून को मंदिर की यात्रा के दौरान अपने कर्तव्यों का पालन करने से रोका गया था। उन्होंने कहा कि नटराजर मंदिर में कनागसाभाई मंडपम से पूजा करने वाले भक्तों पर अस्थायी प्रतिबंध की घोषणा करने वाले बोर्ड को हटाने के लिए कहा। क्योंकि इससे इस मामले के संबंध में तमिलनाडु सरकार द्वारा जारी किए गए आदेश का उल्लंघन हो रहा था। हालांकि, पुजारियों ने इसे हटाने से इनकार कर दिया। पुलिस ने पोडु दीक्षित समिति के सचिव शिवराम दीक्षित और 10 अन्य दीक्षितों के खिलाफ धारा 341 (गलत तरीके से रोकने की सजा), 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल) के तहत मामला दर्ज किया है। इन लोगों पर धारा 353 (लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल) और भारतीय दंड संहिता की धारा 506 (i) (आपराधिक धमकी के लिए सजा), तमिलनाडु महिला उत्पीड़न निषेध अधिनियम, 2002 की धारा 4 भी लगाई गई।
सरकार लेगी अपने नियंत्रण मेंः मंत्री
तमिलनाडु हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती (एचआर एंड सीई) मंत्री पीके शेखर बाबू ने कहा कि है नटराज मंदिर को राज्य विभाग के नियंत्रण में लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। मंत्री ने कहा कि अगर मंदिर अधिकारी कानून का उल्लंघन करेंगे तो कार्रवाई की जायेगी। 10 पुजारियों पर मामला दर्ज किए जाने के बाद मंत्री का यह बयान सामने आया है।एएनआई के अनुसार,मंत्री पीके शेखर बाबू ने कहा, “राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि भक्त बिना किसी बाधा के उस मंदिर में दर्शन कर सकें। चिदंबरम स्थित नटराज मंदिर को एचआर एंड सीई के तहत लाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
इससे पहले, मंदिर के पुजारियों द्वारा थिरुमंजम उत्सव समाप्त होने तक 'कनागासाबाई' को प्रवेश देने से इनकार करने के बाद विवाद खड़ा हो गया था। इसके बाद पुजारियों और अधिकारियों के बीच बहस शुरू हो गई।
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