डीएमके अध्यक्ष एम के स्टालिन ने शुक्रवार सुबह मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उनके साथ कैबिनेट के 33 मंत्रियों ने भी शपथ ली है। क़रीब एक दर्जन मंत्री ऐसे हैं जो पहली बार इस तरह की ज़िम्मेदारी संभाल रहे हैं। शपथ ग्रहण से पहले राजभवन की एक विज्ञप्ति में कहा गया था कि मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार एमके स्टालिन की मंत्रियों की सूची को राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने मंजूरी दे दी।
हाल ही में संपन्न हुए तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में डीएमके और यूपीए के गठबंधन ने शानदार प्रदर्शन किया है। इसने 232 सीटों वाली विधानसभा में 159 सीटें जीतकर क़रीब दो-तिहाई बहुमत प्राप्त किया है। एआईएडीएमके और बीजेपी के गठबंधन ने 75 सीटें ही जीतीं। इस चुनाव में शानदार प्रदर्शन के साथ ही साफ़ हो गया था कि एम के स्टालिन मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठेंगे।
पहली बार मुख्यमंत्री के रूप में पद ग्रहण करने वाले एम के स्टालिन गृह और अन्य विभागों के अलावा सार्वजनिक और सामान्य प्रशासन, अखिल भारतीय सेवाएँ, ज़िला राजस्व अधिकारी, विशेष कार्यक्रम कार्यान्वयन और विभिन्न-विकलांग व्यक्तियों के कल्याण की ज़िम्मेदारी संभालेंगे।
पार्टी के दिग्गज और महासचिव दुरीमुरुगन सिंचाई परियोजनाओं के प्रभारी और खानों व खनिजों सहित अन्य जल संसाधन मंत्री होंगे। उन्होंने पिछले डीएमके शासनकाल (2006-11) के दौरान सार्वजनिक निर्माण जैसे विभागों का संचालन किया था।
चेन्नई के पूर्व मेयर एमए सुब्रमण्यन और पी के सेकरबाबू उन लोगों में शामिल हैं जो पहली बार मंत्री बने। सुब्रमण्यन को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग की ज़िम्मेदारी दी गई है।
कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय का नेतृत्व कुड्डालोर ज़िले के कुरिन्जिपडी के पांच बार विधायक रहे एमआरके पन्नीरसेल्वम करेंगे। पर्यावरण मंत्रालय की अध्यक्षता शिव वी मयनाथन करेंगे। एमके स्टालिन ने के एन नेहरू को नगर प्रशासन, शहरी और जल आपूर्ति विभाग की ज़िम्मेदारी दी है। आर गांधी को हैंडलूम और टेक्स्टाइल, खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड, भूदान और ग्रामधान विभाग की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है।
बता दें कि एमके स्टालिन 2009-11 के बीच तमिलनाडु के पहले उपमुख्यमंत्री बने थे। उनके पिता एम करुणानिधि के निधन के बाद बाद 28 अगस्त 2018 को स्टालिन को आम सहमति से डीएमके अध्यक्ष चुन लिया गया। इससे पहले मंगलवार को स्टालिन को आम सहमति से पार्टी के विधायक दल का नेता चुना गया था।
अपनी राय बतायें