तमिलनाडु में कांग्रेस के एक प्रवक्ता अमेरिकाई वी नारायणन को बर्खास्त कर दिया गया है। उन्होंने हाल में चुनाव में प्रदर्शन को लेकर एक तरह से राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की आलोचना की थी। उन्होंने सुझाव दिया था कि राहुल और प्रियंका को 'कांग्रेस को बचाने' के लिए अलग हट जाना चाहिए। हालाँकि उन्होंने सोनिया गांधी के नेतृत्व की तारीफ़ भी की थी और कांग्रेस से निकले ममता बनर्जी, के चंद्रशेखर राव जैसे नेताओं को पार्टी में वापस लाने की वकालत भी की थी।
तमिलनाडु में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य नारायणन की यह प्रतिक्रिया तब आई जब हाल ही में पाँच राज्यों में चुनाव में कांग्रेस की हालत ख़राब है। पंजाब में उसकी सत्ता चली गई है और उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में वापस करने में वह विफल साबित हुई है। इसको लेकर हाल में कांग्रेस के बाग़ी समझे जाने वाले जी-23 के नेताओं ने भी आलोचना की है।
सोनिया गांधी हाल में जी-23 नेताओं से मेलजोल बढ़ाने में जुटी हैं। सोनिया ने गुलाम नबी आजाद से मुलाकात की थी। इनके अलावा आनंद शर्मा, मनीष तिवारी और विवेक तन्खा से भी सोनिया ने बातचीत की थी।
यह वही जी-23 गुट है जिसने साल 2020 में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी नेतृत्व के कामकाज को लेकर गंभीर सवाल उठाए थे। इसके बाद भी अक्सर वे कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल दागते रहते हैं। जी-23 गुट के प्रमुख नेताओं में गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल, मनीष तिवारी, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, शशि थरूर आदि शामिल हैं। हालाँकि, अमेरिकाई वी नारायणन जी-23 समूह में शामिल नेता नहीं हैं।
कांग्रेस की ख़राब हालत को सुधारने की सलाह देते हुए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य नारायणन ने कहा कि ममता बनर्जी, जगन मोहन रेड्डी और के चंद्रशेखर राव जैसे पार्टी के पूर्व साथियों को वापस लौटना चाहिए और कांग्रेस में लोगों का विश्वास बहाल करना चाहिए।
इस मामले में नारायणन ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि भारत के लोगों का विश्वास बनाने के लिए पूर्व कांग्रेस नेताओं को लाया जाए। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी, जगन मोहन रेड्डी, शरद पवार, के चंद्रशेखर राव जैसे जिन नेताओं का ट्रैक रिकॉर्ड ठीक है उनसे अनुरोध है कि वे अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय कर दें।'
यह पूछे जाने पर कि उन्हें क्यों लगता है कि ममता बनर्जी अपनी तृणमूल कांग्रेस का कांग्रेस में विलय करने पर विचार कर सकती हैं, जबकि उन्होंने खुद को एक मुख्यमंत्री के रूप में स्थापित कर लिया है और अब वह प्रधानमंत्री बनने की इच्छुक हैं, नारायणन ने कहा कि उनके पास तृणमूल की अपेक्षा 'कांग्रेस में प्रधानमंत्री बनने की बेहतर संभावना है'।
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