तमिलनाडु की एक्ट्रेस और नेता गायत्री रघुराम नेआज 3 जनवरी को बीजेपी से इस्तीफा दे दिया। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक उन्होंने आरोप लगाया कि तमिलनाडु बीजेपी यूनिट के अध्यक्ष अन्नामलाई के नेतृत्व में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं, इसलिए वे पार्टी से इस्तीफा दे रही हैं। बीजेपी ने गायत्री रघुराम को ओवरसीज एंड अदर तमिल स्टेट्स का अध्यक्ष भी बना रखा था।
एक्ट्रेस गायत्री रघुराम को नवंबर 2022 में बीजेपी ने अनुशासनहीनता के आरोप में पार्टी से निलंबित कर दिया था। तभी से लेकर गायत्री धमकी दे रही थीं कि वो तमाम नेताओं का पर्दाफाश कर देंगी। गायत्री का कहना है कि बीजेपी में किसी को भी सच्चे कार्यकर्ताओं की परवाह नहीं है।
पीटीआई के मुताबिक एक्ट्रेस गायत्री ने पार्टी छोड़ने के अपने फैसले के लिए राज्य बीजेपी प्रमुख के अन्नामलाई को जिम्मेदार ठहराया। हालांकि, एक वरिष्ठ बीजेपी नेता ने उनके दावों को खारिज कर दिया और कहा कि उनका जाना पार्टी के लिए नुकसान नहीं हैं। नेता ने कहा कि पार्टी गायत्री के आरोपों को ज्यादा महत्व नहीं देती है।
23 नवंबर को, बीजेपी अध्यक्ष अन्नामलाई ने गायत्री को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में छह महीने के लिए निलंबित कर दिया था। गायत्री ने कहा, मैंने भारी मन से तमिलनाडु बीजेपी से इस्तीफा देने का फैसला किया है, क्योंकि महिलाओं को जांच, समान अधिकार और सम्मान का अवसर नहीं दिया गया। अन्नामलाई के नेतृत्व में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। मुझे बाहरी व्यक्ति के रूप में ट्रोल किया गया। अपना इस्तीफा गायत्री ने पीएम नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा और राष्ट्रीय महासचिव बी एल संतोष को टैग करते हुए ट्वीट किया।
इस्तीफे से पहले गायत्री ने आज और भी कई ट्वीट किए। एक ट्वीट में गायत्री ने लिखा है कि वो हिन्दू धर्म में पूरी आस्था रखती हैं लेकिन वो किसी राजनीतिक दल में हिन्दू धर्म क्यों खोजें। इसके बजाय मंदिर में जाकर भगवान और धर्म को खोजेंगी। भगवान हर जगह है। भगवान मेरे अंदर भी है।
गायत्री ने अपने ट्विटर हैंडल पर पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के फोटो लगा रखे हैं। अमित शाह को उन्होंने चाणक्य भी लिखा है। गायत्री ने हाल ही में दुबई के एक इवेंट की जानकारी देते हुए आरोप लगाया था कि कैसे तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष अन्नामलाई ने बीजेपी की महिला नेताओं के कमरे में आने की कोशिश की थी। इसके बाद अन्नामलाई ने गायत्री पर कई आरोप लगाए थे।
गायत्री के दोनों ट्वीट सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। जिसमें तमाम लोगों ने गायत्री के फैसले को सही ठहराया है। कुछ ने गायत्री से सवाल किया है कि उन्होंने इतनी देर क्यों लगाई। लोगों ने आरोप लगाया है कि बीजेपी जिस तरह से नफरत बांटने का काम करती है, वो गायत्री जैसों के जरिए दक्षिण भारत में भी करना चाहती थी। लेकिन उनकी यह चाल दक्षिण भारत में कामयाब नहीं होगी।
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