महिलाओं का सम्मान करने की बात कहने वाली केंद्र सरकार इस बात पर अमल भी करती है या नहीं। यह सवाल इसलिए पूछा गया है क्योंकि केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. सुब्बैया शणमुगम को बुजुर्ग महिला के उत्पीड़न का आरोपी होने के बाद भी सम्मानित पद पर नियुक्त किया है।
केंद्र सरकार ने डॉ. सुब्बैया शणमुगम को ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइसेंस (एम्स) मदुरै के बोर्ड का सदस्य बनाया है। विपक्ष ने सरकार के इस फ़ैसले की तीख़ी आलोचना की है।
Is this an endorsement of indecent behaviour and also an incentive for other BJP cadres to follow suit? pic.twitter.com/E8ViIMOl6a
— Kanimozhi (கனிமொழி) (@KanimozhiDMK) October 28, 2020
कांग्रेस ने जताई आपत्ति
कांग्रेस के लोकसभा सांसद एस. जोथिमनी ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को पत्र लिखकर अपील की है कि वह डॉ. सुब्बैया की नियुक्ति को रद्द कर दें और इस बात का मैसेज दें कि कोई भी अगर देश में किसी भी महिला का उत्पीड़न करेगा तो उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मदुरै के अन्य सांसदों सु. वेंकटेशन, विल्लुपुरम के सांसद रविकुमार सहित अन्य लोगों ने भी डॉ. सुब्बैया की नियुक्ति की निंदा की है।
क्या था मामला?
चेन्नई के किलपौक मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर और एबीवीपी नेता डॉ. सुब्बैया पर इस साल जुलाई में 62 साल की बुजुर्ग विधवा महिला के उत्पीड़न का आरोप लगा था। यह बुजुर्ग महिला एबीवीपी नेता की पड़ोसी हैं और अकेले रहती हैं। महिला ने पुलिस में दी शिकायत में कहा था कि डॉ. सुब्बैया ने इस्तेमाल किए गए सर्जिकल मास्क, चिकन के टुकड़े उसके दरवाजे पर फेंक दिए और पेशाब कर दी।
यह घटना हाउसिंग सोसाइटी में पार्किंग स्लॉट से जुड़े विवाद को लेकर हुई थी। महिला ने उनके पार्किंग स्लॉट का इस्तेमाल किए जाने को लेकर एबीवीपी के अध्यक्ष से इसका भुगतान किए जाने की मांग की थी। महिला ने कहा था कि जब उन्होंने पार्किंग का किराया मांगा तो डॉ. सुब्बैया भड़क गए।
महिला ने अपनी शिकायत के साथ एक सीटीटीवी फ़ुटेज और फ़ोटो भी पुलिस को सौंपी थी, जिनमें कथित रूप से एबीवीपी के अध्यक्ष को उनके दरवाजे पर पेशाब करते देखा जा सकता है। यह मामला तब चर्चा में आया था, जब महिला के भतीजे बालाजी विद्याराघवन ने सोशल मीडिया पर इस घटना के बारे में बताया था और कहा था कि पुलिस उनकी आंटी की मदद नहीं कर रही है। विद्याराघवन स्टैंड अप कॉमेडियन हैं।
महिला पर बनाया दबाव?
पुलिस ने दावा किया था कि बाद में दोनों पक्षों के बीच में समझौता हो गया था और डॉ. सुब्बैया द्वारा कथित रूप से माफी मांगे जाने के बाद बुजुर्ग महिला ने अपनी शिकायत वापस ले ली थी। लेकिन कहा गया था कि महिला पर ऐसा करने के लिए दबाव बनाया गया था।
एबीवीपी ने कहा था कि कांग्रेस का छात्र संगठन एनएसयूआई उसके अध्यक्ष को बदनाम करने के लिए झूठा अभियान चला रहा है।
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