भाजपा अपने सहयोगियों की धर्मनिरपेक्ष छवि की परवाह किए बिना भारत को हिन्दू राष्ट्र में बदलने वाले फैसले तेजी से ले रही है। अभी जब हिटलर के नक्शे कदम पर चलते हुए यूपी में दुकानदारों को अपने नाम के जरिए मजहब बताना अनिवार्य कर दिया गया और देश में उस पर बहस हो रही थी। ठीक उसी समय सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस की शाखाओं, कार्यक्रमों में जाने पर लगे प्रतिबंध को हटा लिया। जाने-माने चिंतक अपूर्वानंद कहते हैं- ''भारतीय राज्य कह रहा है कि वह जितना गिरा है उससे और नीचे गिर सकता है।'' पढ़िए उनका यह विचारोत्तेजक लेखः