बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए की राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के आदिवासी होने से विपक्षी दल भी उनके समर्थन में आ रहे हैं, लेकिन क्या ऐसी कोई यूएसपी विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा की है जिससे उनका समर्थन बढ़े?
कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष ने यशवंत सिन्हा को राष्ट्रपति का उम्मीदवार उतारा, लेकिन अब इसी विपक्ष के कई दल बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करते क्यों नज़र आ रहे हैं?
शिवसेना प्रमुख उद्धव अगर द्रौपदी मुर्मू के नाम का समर्थन करते हैं तो उन्हें कांग्रेस और एनसीपी की नाराजगी का सामना करना होगा जबकि यशवंत सिन्हा का समर्थन करने पर उन्हें पार्टी के भीतर एक और बगावत का सामना करना पड़ सकता है।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने एक बार फिर पीएम मोदी को नजरन्दाज कर दिया है। वो हैदराबाद पहुंचे राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी यशवंत सिन्हा के स्वागत में व्यस्त रहे लेकिन पीएम मोदी का स्वागत करने एयरपोर्ट नहीं पहुंचे। केसीआर देश के ऐसे पहले सीएम हैं जो खुलकर मोदी विरोध का प्रदर्शन कर रहे हैं।
राष्ट्रपति चुनाव के लिए एनडीए और विपक्ष के उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल कर दिया है। हालांकि एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू की जीत लगभग तय मानी जा रही है।
राष्ट्रपति का चुनाव 18 जुलाई को है । सरकार ने द्रौपदी मुर्मू को अपना उम्मीदवार बनाया है । विपक्ष की तरफ़ से पूर्व वित्त और विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा उम्मीदवार हैं । आशुतोष ने उनसे जानना चाहा कि वो क्यों उम्मीदवार बने और अगर चुने गये तो कैसे राष्ट्रपति होंगे ।
राष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी दलों ने यशवंत सिन्हा के रूप में बेशक एक काबिल प्रत्याशी उतारा है, लेकिन एनडीए की संयुक्त प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू बहुत आसानी से यह चुनाव जीतने जा रही हैं। उन्हें बीजेडी सहित तमाम क्षेत्रीय दल समर्थन दे रहे हैं। मात्र बीजेडी के समर्थन से ही वो जीत सकती हैं।
अगर द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति के चुनाव में जीत हासिल करती हैं तो वह पहली आदिवासी महिला होंगी जो इस पद पर चुनी जाएंगी। इससे पहले वह झारखंड की पहली महिला राज्यपाल भी रह चुकी हैं।