यूपी से लेकर बिहार तक जब जाति जनगणना को राजनीतिक मुद्दा बनाया जा रहा हो तो ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी के पास इसका जवाब मोहन यादव के अलावा और क्या हो सकता था। मोहन यादव का चयन यूपी-बिहार की ओबीसी राजनीति पर प्रहार के लिए भाजपा का नया हथियार साबित होने जा रहा है। मोहन की ससुराल यूपी के सुल्तानपुर में है। भाजपा उसका फायदा उठाने में नहीं चूकेगी। जानिए, पूरी राजनीतिः