पश्चिम बंगाल चुनाव में जय श्री राम के मुक़ाबले जय माँ दुर्गा का नारा बुलंद करने के बाद ममता बनर्जी ने तुरूप का एक और पत्ता फेंका है। उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस का नया नारा है ‘बंगाल माँगे बंगाल की बेटी’।
चुनावों में अपने मुताबिक़ मुद्दे तय करने में माहिर बीजेपी पश्चिम बंगाल में लगता है कि तृणमूल द्वारा तय मुद्दे में फँसती दिख रही है। राम और दुर्गा विवाद के बहाने बाहरी और बंगाली का मुद्दा ख़ड़ा होता दिख रहा।
ममता बनर्जी के समर्थक नये नारे- 'बंगला निजेर मयेके छै' यानी 'बंगाल को अपनी बेटी ही बेटी चाहिए' को सोशल मीडिया पर है शेयर कर रहे हैं। ममता क्या अब 'दीदी' कहा जाना पसंद नहीं करती हैं? आख़िर उन्होंने अब 'बंगाल की बेटी' का नारा क्यों दिया है?
बंगाल चुनाव बड़े रोचक मोड पर है। बीजेपी ने पूरी ताक़त झोंक दी है। क्या ममता हार जायेगी? आशुतोष ने जाना मशहूर चुनाव विशेषज्ञ और सेफोलाजिस्ट संजय कुमार से।
पश्चिम बंगाल में बाहरी होने के ठप्पे से मुक्ति पाने और बंगाली मानसिकता को लुभाने के लिए उनकी सबसे प्रिय चीज बांग्ला भाषा के ज़रिए बीजेपी बंगालियों के दिल में घुसने की कोशिश कर रही है।बंगालियों को लुभाने के लिए बीजेपी ने बांग्ला भाषा में ऐप लॉन्च किया है।
पश्चिम बंगाल में अगले अप्रैल में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। यहाँ तृणमूल 10 साल से सत्ता में है और अब तीसरी बार सत्ता में आने की कोशिश कर रही है। लेकिन क्या वह ऐसा कर पाएगी?
क्या बीजेपी पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 के पहले ‘राम बनाम दुर्गा’ का समीकरण खड़ा कर उसके जाल में टीएमसी को फँसाना चाहती है? क्या ‘राम बनाम दुर्गा’ बीजेपी नेताओं के पितृसत्तात्मक सोच का नतीजा है?
तृणमूल कांग्रेस के लिए काम कर रहे पीके पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 में हैट्रिक बनाने का सपना देख रही ममता की पार्टी के लिए वरदान साबित होंगे या अभिशाप?
2019 के लोकसभा चुनावों में 18 सीटों पर बीजेपी की जीत में हिंदी भाषी लोगों की महत्वपूर्ण भूमिका थी। इस चुनाव के बाद तृणमूल कांग्रेस ने हिंदी भाषी मतदाताओं के विशेष महत्व को समझा था और उनको दोबारा अपने पाले में लाने की कोशिश शुरू की थी।
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 के ठीक पहले हुए 'इंडिया टुडे कनक्लेव' के मंच का फ़ायदा उठाते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नरेंद्र मोदी, अमित शाह, उनकी सरकार और बीजेपी पर बहुत ही ज़ोरदार हमला बोला है।
सी-वोटर ने हाल ही में पश्चिम बंगाल के लोगों का मूड भाँपने के लिए उनसे कुछ सवाल पूछे जैसे वर्तमान राज्य सरकार का काम कैसा चल रहा है, आपके लिए चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा क्या है, आप किस व्यक्ति का राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर देखना चाहते हैं आदि-आदि।
पश्चिम बंगाल विधानसभा में लेखानुदान यानी 'वोट ऑन अकाउंट' पेश करते हुए सरकार ने एलान किया कि राजधानी कोलकाता में 100 करोड़ रुपए की लागत से एक भव्य नेताजी स्मारक बनाया जाएगा।