उत्तराखंड क्रिकेट में वसीम जाफर को लेकर जो सांप्रदायिकता का विवाद खड़ा हुआ था वह अब एकाएक ख़त्म हो गया लगता है। और यह हुआ राज्य के क्रिकेट संघ के उन अधिकारियों के बयान से जिनके कथित बयान से यह विवाद खड़ा हुआ था।
क्रिकेट खिलाड़ी वसीम जाफ़र ने अपने ऊपर लगाए गए तमाम आरोप के जवाब दे दिए हैं और ऐसा लगता है कि उत्तराखंड क्रिकेट संघ के अधिकारी अब पीछे हटने लगे हैं। लेकिन उन्होंने ऐसा किया क्यों और क्या इस खेल में भगवा राजनीति की भी कोई भूमिका है? वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट-
उत्तराखंड क्रिकेट संघ में वसीम जाफर के के मामले में मौलवी के बुलाने के मामले में एक नया दावा किया गया है। उत्तराखंड क्रिकेट टीम के सदस्य इक़बाल अब्दुल्ला ने दावा किया है कि ड्रेसिंग रूम में मौलवी को बुलाने की टीम के मैनेजर ने अनुमति दी थी।
खेल में भी 'सांप्रदायिकता' का विवाद? सवाल अजीब है, लेकिन उत्तराखंड क्रिकेट में यही आरोप लग रहा है। यह विवाद भी तब खड़ा हुआ जब उत्तराखंड क्रिकेट के कोच पद से वसीम जाफर ने इस्तीफ़ा दिया।