हरिद्वार की धर्म संसद में मुसलमानों का नरसंहार करने की बातें कही गई। इसके अलावा भी कई तरह का जहरीला प्रचार चल रहा है। क्या यह नस्लकुशी की जमीन तैयार करने की कोशिश है?
हरिद्वार में आयोजित हुई धर्म संसद में मुसलमानों के ख़िलाफ़ नफ़रती और भड़काऊ बयानबाज़ी की गई। बीजेपी में किसी ने इसकी निंदा नहीं की और प्रधानमंत्री मोदी ने भी मुगल शासन को लेकर तमाम बातें कहीं।
केनोशा में पिछले साल हुए नस्लभेद विरोधी प्रदर्शन के दौरान दो लोगों की हत्या के अभियुक्त काइल रिटेनहॉउस को रिहा कर दिए जाने से क्या अमेरिका में नस्लवाद और बढ़ेगा?
महात्मा गांधी का इस्तेमाल क्या सरकारों ने अपने-अपने तरीक़े से नहीं किया है? राज्यों ने क्या गांधी की एक ऐसी सरलीकृत छवि निर्मित नहीं की है जो किसी के लिए असुविधाजनक नहीं रहे?
किस तरह के सकारात्मक रवैए की अपेक्षा की जाती है? प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर एक दिन में 2.5 करोड़ टीके लगने से पहले और बाद में 50-60 लाख ही टीके लगाया जाना कैसी सकारात्मकता है और केरल में ईसाई-मुसलमान सद्भाव की बात करना कैसी सकारात्मकता?