मध्य प्रदेश में भँवरलाल जैन की पीट-पीट कर हत्या क्यों की गई? इस शक में कि वह मुसलिम थे? क्या एक समुदाय विशेष से होना अपराध है? इस पर सरकार और प्रशासन की प्रतिक्रिया कैसी है?
तमिलनाडु के मंत्री के पानी पूरी वाले बयान को लेकर एक बार फिर हिंदी को लेकर शोर हुआ है और लोग उनका विरोध कर रहे हैं। लेकिन क्या मंत्री का विरोध करने वालों ने उनके बयान को समझने की कोशिश की?
आशरीन सुल्ताना से शादी करने पर नागराजू की हत्या का मुसलिम समाज ने निंदा की। वे समर्थन में नहीं आए, बल्कि विरोध किया। लेकिन क्या अब नागराजु की हत्या का इस्तेमाल मुसलिम विरोधी नफ़रत के लिए नहीं किया जा रहा है?
क्या हिंदी को पूरे देश पर थोपने की कोशिश की जा रही है? क्या इस भाषा का राजनीतिक इस्तेमाल किया जा रहा है? अगर ऐसा है तो यह निश्चित रूप से बेहद चिंता की बात है।
बीते दिनों कई राज्यों में हुई सांप्रदायिक तनाव की घटनाएं इसी ओर इशारा करती हैं कि समाज से सहानुभूति को खत्म करने की पुरजोर कोशिश की जा रही है। भारत के लिए यह अच्छा संकेत नहीं है।
असम से लेकर कर्नाटक और उत्तर प्रदेश तक मुसलमानों के खिलाफ नफरती अभियान क्यों चलाया जा रहा है? और इसके लिए हिंदुओं के धार्मिक अवसरों का इस्तेमाल क्यों हो रहा है?
नफरत को बढ़ावा देने वाली बयानबाजी पर दिल्ली हाई कोर्ट की टिप्पणी के बाद सवाल यह खड़ा होता है कि क्या धार्मिक आधार पर नफरत फैलाने के बाद सजा से बचने के लिए बड़ी चतुराई से कानून का सहारा लिया जा रहा है?
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के कमरे में उनके पीछे गाँधी की तसवीर की अनुपस्थिति को लेकर लगातार सवाल पूछा जा रहा है। गाँधी की तसवीर न होने के पीछे क्या वजह हो सकती है?
पांच राज्यों के बहुसंख्यकवादी जनादेश के बाद क्या धर्मनिरपेक्ष राजनीति के लिए रास्ता ख़त्म हो जाएगा? क्या अल्पसंख्यक समुदाय के हक़ों की हिफाजत हो सकेगी?
भारत क्या अंतरराष्ट्रीय मामलों में दखल देने की हालत में नहीं है, क्या वह कमजोर देशों का मित्र भी नहीं रह गया है? केंद्र सरकार रूस-यूक्रेन युद्ध पर भी लाचार क्यों दिखी है?
कर्नाटक में चल रहे हिजाब विवाद के बीच श्रीलंका के एक कार्टूनिस्ट का कार्टून आया है। कार्टून देखकर धक्का लगता है, शर्म आती है कि यह भारत की कैसी छवि दुनिया में बन रही है?