चार राज्यों में चुनावी नतीजों के बाद राहुल गाँधी ने यह ज़रूर कहा है कि विचारधारात्मक संघर्ष जारी रहेगा लेकिन क्या कॉंग्रेस पार्टी इसका पूरा मतलब समझती है और उसमें यक़ीन करती है?
अमेरिका के मंत्री ब्लिंकेन से जब यह सवाल ‘अल जज़ीरा’ के संवाददाता ने किया कि आख़िर इन 3 हफ़्तों में इज़राइल ने क्या हासिल किया है तो वह जवाब क्यों न दे सके? जानें हमास पर हमले की असल वजह।
इजराइल-हमास युद्ध पर जिस तरह की प्रतिक्रिया अंतरराष्ट्रीय तौर पर अब मिल रही है क्या दशकों से मिलती रही है? पिछले एक दशक में 30 हज़ार बच्चों सहित डेढ़ लाख लोगों की मौत मुद्दे क्यों नहीं बनी?
भारत और ऑस्ट्रेलिया का क्रिकेट मैच था तो इसमें प्रधानमंत्री मोदी और ऑस्ट्रेलियाई पीएम का कार्यक्रम क्यों रखा गया? दिन खिलाड़ियों का और खेल का था। तो फिर राजनेता क्या अपनी छवि चमकाने पहुँचे थे?
बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर ने जब कहा कि 'रामचरितमानस' की कुछ पंक्तियाँ समाज में घृणा फैलाती हैं तो इस पर विवाद क्यों है? पढ़िए, अपूर्वानंद की क़लम से, आख़िर इसमें सच क्या है।
यूजीसी ने भारत में श्रेष्ठ विदेशी विश्वविद्यालयों के परिसर खोलने की घोषणा की है। लेकिन जो सरकार राष्ट्र निर्माण के लिए हॉर्वर्ड से ज़्यादा हार्ड वर्क का महत्व जनता को बतलाती है, क्या वह वाकई ज्ञान के श्रेष्ठ केंद्रों को भारत में लाना चाहती है?
बरेली के एक स्कूल में अल्लामा इक़बाल की दुआ होने पर शिक्षकों वज़ीरुद्दीन और नाहिद सिद्दीक़ी पर कार्रवाई की गई। विश्व हिंदू परिषद और हिंदुत्ववादियों को इस दुआ से परेशानी थी। क्या वे बुराई से बचने और नेक राह पर चलने की प्रेरणा को आपत्तिजनक मानते हैं?
शाहरुख़ ख़ान ने कोलकाता के अन्तर्राष्ट्रीय फ़िल्म समारोह में दिमाग़ी और भावनात्मक संकरेपन की बात की। उन्होंने हम जिंदा हैं, कहकर यह बताने की कोशिश की कि हमें नकारात्मकता से लड़ते हुए खुद को सकारात्मक बनाना होगा।
6 दिसंबर, 1992 को अयोध्या में जमा हुए कारसेवकों ने बाबरी मस्जिद को गिरा दिया था। क्या केंद्र की तत्कालीन कांग्रेस सरकार, सर्वोच्च न्यायालय को पहले से इसका आभास नहीं था कि उस दिन ऐसा हो सकता है?
क्या केंद्र सरकार विश्वविद्यालयों में राष्ट्रवादी विचारधारा का प्रचार प्रसार कर रही है और क्या वह चाहती है कि विश्वविद्यालय भी इस विचारधारा के प्रचारक के रूप में काम करें?
‘दृष्टि’ के संस्थापक और अध्यापक डॉक्टर विकास दिव्यकीर्ति ने वाल्मीकि रामायण और महाभारत के प्रसंगों को उद्धृत भर किया था। लेकिन बिना उनकी पूरी बात सुने भावनाएं आहत होने के नाम पर उन्हें निशाने पर ले लिया गया। क्या उनकी गिरफ्तारी भी हो सकती है?
हिजाब मामले में सुप्रीम कोर्ट के जजों का अलग-अलग फैसला सामने आया है। इस फैसले के बीच महात्मा गांधी के डरबन में अदालत जाने और यूरोपीय मैजिस्ट्रेट के द्वारा उनसे पगड़ी उतारने की बात वाले प्रसंग को याद करना जरूरी है।
2014 में 2 अक्टूबर को शुरू किया गया स्वच्छता अभियान क्या सिर्फ नाटक बनकर रह गया है? गाँधी के नाम पर झूठ और पाखंड करना उनकी स्मृति का सबसे बड़ा अपमान है।