राम मंदिर का उद्घाटन किसे करना चाहिए? देश की चार प्रमुख पीठों के सभी शंकरचार्यों से बेहतर कौन व्यक्ति हो सकता है जो भारत में हिन्दू धर्म का प्रतिनिधि होता? पीएम मोदी के उद्घाटन करने के मायने क्या हैं?
बदहाल पर्यावरण की स्थिति व समस्याओं को भारत की सरकार स्वीकारने के बजाय उन्हें नकारने में क्यों लगी हुई है? क्या समस्या का हल इस दृष्टिकोण से निकल सकता है?
आरएसएस के विचारक सांसद प्रो. राकेश सिन्हा क्यों कहते हैं कि 'केवल संविधान के प्रति वफादारी की कसम खाने से इसका जवाब नहीं दिया जा सकता'? सवाल है कि किसके प्रति वफादारी होनी चाहिए?
देश के संविधान पर उपराष्ट्रपति से लेकर भारत के कानून मंत्री तक टिप्पणी कर रहे हैं। लेकिन हाल ही में उपराष्ट्रपति का बयान या हमला गंभीरता से लिया जाना चाहिए। आखिर सरकार की मंशा क्या है। जानी-मानी पत्रकार वंदिता मिश्रा ने उपराष्ट्रपति के बयान से जारी विवाद के संदर्भ में सभी पहलुओं को समझाने की कोशिश की है।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने क्यों कहा कि ‘‘जनसंख्या नियंत्रण के साथ-साथ पंथ आधारित जनसंख्या संतुलन भी महत्व का विषय है जिसकी अनदेखी नहीं की जा सकती’’? क्या उनका इशारा मुसलिम नहीं थे?
देश को धर्मनिरपेक्ष घोषित किया गया है तो फिर सरकारी संस्थाओं में धार्मिक आधार पर भेदभाव क्यों? क्या संवैधानिक कृत्यों का निर्वहन धार्मिक दरवाजों से किया जा सकता है?
जिस राजपथ पर कोई भी अधिकार की बात कर सकता था, जहां किसानों, मजदूरों और छात्रों ने कई बार विरोध के अपने अधिकार को पुष्ट किया, उसका नाम बदलकर ‘कर्तव्य’ पथ क्यों किया गया? जानिए इसके क्या मायने हैं।
'कांग्रेस मुक्त भारत’ के माध्यम से बीजेपी क्या संदेश देना चाहती है? हर मुद्दे पर आख़िर बीजेपी या खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राहुल गांधी को निशाने पर क्यों लेते हैं?
क्या ऐसी स्थिति की कल्पना की जा सकती है जिसमें तापमान अगले कुछ दशकों में औसत रूप से क़रीब 5 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ जाए? आख़िर भारत में पर्यावरण नुक़सान से बचने के लिए क्या किया जा रहा है? पर्यावरण सूचकांक में भारत फिसड्डी क्यों है?
बिलकीस बानो बलात्कार मामले में क्या न्याय हुआ? रफीक बनाम यूपी राज्य के मामले में जस्टिस अय्यर ने कहा था कि एक हत्यारा शरीर को मारता है जबकि एक बलात्कारी आत्मा को मारता है। इसके लिए क्षमा कैसी?
देश का नेतृत्व कैसा होना चाहिए? महंगाई, बेरोजगारी, राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे मुद्दों को सुलझाए या फिर चुनाव में वादे को भूल जाए? नेतृत्व का आकलन क्या उसके वादों को पूरा करने के आधार पर नहीं होना चाहिए?
क्या पहली आदिवासी राष्ट्रपति होना ही ऐतिहासिक है या मिसाल पेश किए जाने वाले काम ऐतिहासिक होंगे? क्या आदिवासियों का उद्धार होगा, उनकी आजीविका पर आ रहे संकट का समाधान होगा?
देश में महिलाओं की स्थिति पुरुषों के मुक़ाबले कैसी है? क्या महिलाओं के सशक्तिकरण के दिशा में सरकार के स्तर पर पर्याप्त प्रयास किए गए हैं? यदि ऐसा है तो हालात सुधरते दिख क्यों नहीं रहे हैं?
पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 में संशोधन क्यों किया जा रहा है? नियमों का उल्लंघन करने वालों को जेल की सजा क्यों हटाई जा रही है? क्या जुर्माने की राशि बढ़ाने से कुछ हासिल होगा?