साउथ अफ़्रीका की क्रिकेट टीम में अभी भी क्विंटन डि कॉक जैसे खिलाड़ी हैं जो अपनी गोरी चमड़ी की वजह से ख़ुद को श्रेष्ठ समझते हैं। यह भारत में होने वाली सामाजिक असमानता की ही तरह है।
क्रिकेट वर्ल्ड कप से पहले कोहली और रवि शास्त्री के सामने महेंद्र सिंह धोनी जैसे धुरंधर को ड्रेसिंग रूम में लाकर क्यों बिठा दिया गया? क्या यह संकेत है कि कोहली की कप्तानी नोटिस पीरियड में है?
इंग्लैंड के ख़िलाफ़ ओवल टेस्ट में भारत के दो खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया और भारत के लिए जीत सुनिश्चित की। एक खिलाड़ी बल्लेबाज़ तो दूसरे ऑलराउंडर हैं लेकिन इसके अलावा दोनों में काफ़ी समानताएँ हैं।
इंग्लैंड दौर पर आर अश्विन जैसे प्रतीभाशाली खिलाड़ी को बार-बार टीम से बाहर क्यों रखा जा रहा है? अभी तक इस दौरे पर रोहित शर्मा, कोहली, पुजारा और रहाणे जैसे सीनियर बल्लेबाज मिलकर भी 1 शतक नहीं जमा पाये हैं, फिर भी वे टीम में बने हैं।
साउथ अफ्रीका के तेज़ गेंदबाज़ डेल स्टेन ने क्रिकेट से संन्यास ले लिया। क्रिकेट के इतिहास में सिर्फ़ 4 तेज़ गेंदबाज़ ही ऐसे हैं जिन्होंने स्टेन से ज़्यादा टेस्ट विकेट लिये हैं।
मोहम्मद सिराज ने क्रिकेट के मक्का कहे जाने वाले लॉर्ड्स में पूरे मैच में 8 विकेट लेकर भारत को मैच जीता दिया। हैदराबाद के इस गेंदबाज़ ने वर्ल्ड क्लास गेंदबाज़ के तौर पर खुद को साबित किया है।
यूरो फाइनल में मेज़बान इंग्लैंड की हार के बाद जैसे कुछ फुटबॉलप्रेमी बौखलाए। कई दशकों से इंग्लिश फुटबॉल प्रेमी की छवि उपद्रवी और दंगाई के तौर पर बनी हुई है। क्या भारत में आने वाले ऐसे जातिवाद के ख़िलाफ़ कोहली और बुमराह बोलेंगे?
अगर कोहली न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप ट्रॉफी नहीं जीत पाते हैं और उसके बाद इंग्लैंड के ख़िलाफ़ 5 मैचों की सीरीज़ में जीत हासिल नहीं करते हैं तो उनकी कप्तानी को लेकर कड़े सवाल उठेंगे। और उठने भी चाहिए।
इशांत शर्मा के लिए अहमदाबाद में होने वाला तीसरा टेस्ट मैच निजी तौर पर काफ़ी यादगार पल है। अश्विन ने भी शानदार पारियाँ खेली हैं। लेकिन क्या इन दोनों खिलाड़ियों को वो सम्मान मिला जिसके वो हकदार हैं?
भारत के सबसे कामयाब टेस्ट कप्तान विराट कोहली को घरेलू सीरीज़ के पहले मैच में हारने की आदत तो और भी नहीं है क्योंकि इंग्लैंड के ख़िलाफ़ चेन्नई टेस्ट से पहले वो सिर्फ़ ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ पुणे टेस्ट (2017) में सीरीज़ का पहला टेस्ट हारे थे।
शुक्रवार यानी आज से चेन्नई में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ टीम इंडिया का घरेलू ज़मीं पर टेस्ट अभियान शुरू हो रहा है। लाल गेंद से 4 मैच और 20 दिन की क्रिकेट में टीम इंडिया के पास पाने के लिए बहुत कुछ नहीं है।